चुनाव के बाद सट्टा बाजार गर्म, प्रत्याशियों पर लगा रहे दांव
दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ चुनाव तो संपन्न हो गया पर अपने पीछे छोड़ गया समीकरणों का बाजार। यहां पर जीत-हार के चर्चे इतने गर्म हो गए हैं कि कोई किसी से कम अपने को आंकने को तैयार नहीं है। ठंड में चुनावी चर्चा गर्माहट पैदा कर रही है। तभी तो बड़कागांव विधानसभा एवं रामगढ़ विधानसभा में तो हालात ऐसी बन गई हैं की कोई कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि वोट प्रतिशत भी कुछ कहानी बयां कर रही है। रामगढ़ विधानसभा में 71.09 एवं बड़कागांव विधानसभा में 65.7
दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : चुनाव तो संपन्न हो गया, पर अपने पीछे छोड़ गया समीकरणों का बाजार। यहां पर जीत-हार के चर्चे इतने गर्म हो गए हैं कि कोई किसी से कम अपने को आंकने को तैयार नहीं है। ठंड में चुनावी चर्चा गर्माहट पैदा कर रही है। तभी तो बड़कागांव विधानसभा एवं रामगढ़ विधानसभा में तो हालात ऐसी बन गई हैं की कोई कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि वोट प्रतिशत भी कुछ कहानी बयां कर रही है। रामगढ़ विधानसभा में 71.09 एवं बड़कागांव विधानसभा में 65.78 प्रतिशत मतदान हुआ है। दोनों विधानसभाओं में पिछली बार की अपेक्षा वोट प्रतिशत बढ़ा है। इससे साफ है कि इस बार जनता ने स्वयं को मैदान में खड़ा कर चुनाव लड़ा है। दोनों विधानसभा में कांटे की टक्कर होने के बाद चर्चाओं के साथ बाजार में सट्टा का बाजार भी जबरदस्त गर्म हो गया है। एक का दस भाव यानी की दस गुना ज्यादा पैसे सट्टा के रूप में लगाए जा रहे है। आलम यह हैं कि चाय की दुकान से लेकर हर जगह पर सट्टे बाज तैयार खड़े है। मौका देखे फट से अपना पासा फेंक देते है। कार्यकर्ताओं में भी गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़कागांव व रामगढ़ विधानसभा में कांग्रेस, आजसू व भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने की बात पर जमकर सट्टा लगाया जा रहा है। वैसे बड़कागांव विधानसभा व रामगढ़ विधानसभा में सीधे तौर पर कांग्रेस व आजसू के बीच टक्कर होने की संभावना प्रबल थी। अंतिम समय में भाजपा ने दोनों विधानसभा में अपना उम्मीदवार उतार दिया। इससे मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आने लगा। भाजपा के प्रत्याशी खड़ा करने से जहां कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हो गया वहीं मानो संजीवनी मिल गई हो। इधर बाजारों में चाय की चुस्की के साथ सभी दल के कार्यकर्ता अपना पक्ष दमदार तरीके से रख रहे है। सट्टा भी लगाया जा रहा है। मोटी-मोटी रकम लगाने का दांवा किया जा रहा है। इससे इतर सोशल मीडिया पर तो मानों बाढ़ आ गई है। टशन भी खूब दिख रहा है। सोशल मीडिया में वैसे तो दो दल सबसे ज्यादा प्रभावी तरीके से दिखाई दे रहे है। यहां तक की सोशल मीडिया में अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि गाली-गलौज तक कर दिया जा रहा है। ज्यादा परेशानी होने की स्थिति में उसे डिलीट कर दे रहे है। ऐसे में आम लोगों के सामने उनका चरित्र का निर्माण भी हो रहा है। इससे बेखबर होकर सोशल मीडिया से लेकर सट्टा लगाने का दौर चल रहा है। अब 23 दिसंबर को जब मतगणना होगी तभी इस धुंध से पर्दा उठेगा।