वेतनमान नहीं दिए जाने के विरोध में शिक्षकों ने निकाला मशाल जुलूस

संवाद सहयोगी रामगढ़ अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले गुरुवार को सैकड़ों शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकाला और सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। शिक्षक सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करते हुए जले मशाल लेकर जुलूस की शक्त में छावनी फुटबॉल मैदान से मुख्य पथ होते हुए अनुमंडल कार्यालय नाराबाजी करते हुए गए। जुलूस के दौरान शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। मशाल जुलूस का नेतृत्व प्रदेश संगठन महामंत्री मोहम्मद असदुल्ला ने किया। वहीं संघ के अध्यक्ष अशोक राज सचिव विभूति महतो संयुक्त सचिव प्रदीप रजक ने बताया कि बीते एक जनवरी 2006 के प्रभाव से सचिवालय निजी सहायक शिक्षकों और राजपत्रित श्रेणी को इसका लाभ दिया जाना था परंतु कैबिनेट द्वारा उत्क्रमित वेतनमान आदेश सिर्फ सचिवालय कर्मियों को ही दिया। इससे आक्रो

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 09:13 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 09:13 PM (IST)
वेतनमान नहीं दिए जाने के विरोध में शिक्षकों ने निकाला मशाल जुलूस
वेतनमान नहीं दिए जाने के विरोध में शिक्षकों ने निकाला मशाल जुलूस

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले गुरुवार को सैकड़ों शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकाला और सरकार के खिलाफ जमकर  हल्ला बोला। शिक्षक सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करते हुए जले मशाल लेकर जुलूस की शक्ल में छावनी  फुटबॉल मैदान से मुख्य पथ होते हुए अनुमंडल कार्यालय नारेबाजी करते हुए गए। जुलूस के दौरान शिक्षकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। मशाल जुलूस का नेतृत्व  प्रदेश संगठन महामंत्री मोहम्मद असदुल्ला ने किया। वहीं संघ के अध्यक्ष अशोक राज, सचिव विभूति महतो, संयुक्त सचिव प्रदीप रजक  ने बताया कि बीते एक जनवरी 2006 के प्रभाव से सचिवालय, निजी सहायक, शिक्षकों और राजपत्रित श्रेणी को इसका लाभ दिया जाना था, परंतु कैबिनेट द्वारा उत्क्रमित  वेतनमान आदेश सिर्फ सचिवालय कर्मियों को ही दिया। इससे आक्रोशित शिक्षक संघ इधर दो दिनों से काला बिल्ला लगाकर शिक्षण कार्य करते रहे है। बाद में शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकालकर काले संकल्प  की प्रतियां जलाई। जिला इकाई के शिक्षकों ने रांची में 23 अक्टूबर को एक दिन का उपवास सह बाल मुंडन का कार्यक्रम जो रांची में आयोजित हैं उसमें सभी शिक्षकों को भाग लेने की अपील किया। मौके पर लक्ष्मण मुंडा, निरंजन प्रसाद, लखन रविदास, मनोज कुमार, कृष्ण कांत सिंह, रवींद्र करमाली, किशोरी महतो, मोहम्मद हुसैन, सुनील राम, सुबोध कुमार सिंह, महेंद्र प्रसाद शर्मा, कैलाश चौधरी, सतीश प्रसाद, महेंद्र राम, पंकज करमाली, शिव प्रकाश, चंद्रशेखर प्रसाद, असगर अली, मोहम्मद इरशाद, राजेंद्र प्रसाद, आनंद प्रकाश, अवधेश साहू, देवनंदन, लखन साहू, विजय कुमार, उपाध्याय, सुनील रविदास, महेंद्र चौधरी, शशिकांत तिवारी, सत्येंद्र प्रसाद सहित सैकड़ों शिक्षक शामिल थे।

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