यूं जलता रहे दीपक मेरे सुहाग का..

पति की दीर्घायु व सुखद जीवन की कामना के साथ सुहागिन महिलाएं पूजा कीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 08:55 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 08:55 PM (IST)
यूं जलता रहे दीपक मेरे सुहाग का..
यूं जलता रहे दीपक मेरे सुहाग का..

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : पति की दीर्घायु व सुखद जीवन की कामना के साथ सुहागिन महिलाएं व नव विवाहिताओं ने गुरुवार को करवा चौथ का व्रत रखा। हाथों में मेहंदी व पांवों में महावर रचाए, नख से लेकर सिर तक सोलह श्रृंगार कर पूजा अर्चना की।

सुहागिन महिलाएं दीप लेकर आरती कर रही थीं मानो भगवान से कह रही हों दीपक मेरे सुहाग का यूं जलता रहे, कभी चांद कभी सूरज की तरह चमकता रहे। माता वैष्णो देवी मंदिर में करवा चौथ व व्रत कथा का आयोजन किया गया था। यहां पर व्रत रखने वाली 351 सुहागिन महिलाओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना की और करवा चौथ की कथा सुनी। कथा में पंजाबी समुदाय के अलावे अन्य समाज की सुहागिन महिलाओं ने भी हिस्सा लिया और मां करवा की पूजा-अर्चना कर कथा का आनंद उठाया। करवा चौथ की कथा माता वैष्णो देवी मंदिर के पुजारी पंडित लीलाधर शर्मा ने परंपरागत ढंग से श्रद्धालु महिलाओं को सुनाई। मंदिर में हाथों में पूजा की थाली लिए पहुंची सैकडों महिलाओं की उपस्थिति से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। लाल परिधान में सोलह श्रृंगार कर यहां आई महिलाओं ने पूजा के बाद पंजाबी हिदू बिरादरी के अध्यक्ष सूरत चंद्र वासुदेवा, महासचिव महेश मारवाह, विश्वनाथ अरोड़ा, मनोहर लाल मारवाह, सकत्तर लाल सिल्ली व अन्य बुजुर्ग सदस्यों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। बिरादरी ने सभी व्रती महिलाओं और कथा सुनने आई अन्य महिलाओं को माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद के रूप में एक-एक चुनरी भेंट की। सुहागिनों ने वापस घर जाकर पति के पांव छूकर आशीर्वाद लिए। साथ ही पति के हाथों उपवास को तोड़ा।

पंजाबी हिदू बिरादरी के महासचिव महेश मारवाह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार करवा चौथ सौभाग्यवती महिलाओं का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। सुहागिन महिलाएं रात्रि में चांद देखकर और अविवाहित लड़कियां तारे देखकर अपने व्रत का पारण करती हैं।

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