लोगों को पर्यावरण साक्षर बनाने में जुटे हैं रामेश्वर गोप

बासल के लबगा निवासी 50 वर्षीय रामेश्वर गोप लोगों को पया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 07:08 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 10:04 PM (IST)
लोगों को पर्यावरण साक्षर बनाने में जुटे हैं रामेश्वर गोप
लोगों को पर्यावरण साक्षर बनाने में जुटे हैं रामेश्वर गोप

राकेश पांडेय, भुरकुंडा(रामगढ़) : बासल के लबगा निवासी 50 वर्षीय रामेश्वर गोप लोगों को पर्यावरण साक्षर बनाते हैं। उनका मानना है कि सिर्फ अक्षर ज्ञान काफी नहीं जीने का सलीका आना चाहिए। अपने अच्छे-बुरे की समझ होनी ही शिक्षा है। यह जीवन के हर क्षेत्र में जरूरी है। पृथ्वी में पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसी जीवन को बचाए रखने का संकल्प लिए शिक्षा जागरण मंच के सचिव रामेश्वर गोप तन मन धन से जुटे हैं। वे खुद अबतक 100 पौधे लगा चुके हैं। साथ ही लगभग दो हजार पौधों को वितरण कर लोगों से लगवाए भी हैं। विकास की रफ्तार में तेजी से कट रहे पेड़ को देखते उन्हें दर्द महसूस होता है। वे कहते हैं कि जिस प्रकार इंसान अपने बच्चे को जन्म के बाद उसके भविष्य निर्माण को ले पूरी तन्मयता से कार्य करते हैं ठीक उसी तरह पौधे का संरक्षण भी जरूरी है। जिस दिन लोग पौधों को पुत्र के समान उसका भविष्य सोच काम करने लगेंगे तभी सही मायने में पर्यावरण का संरक्षण हो पाएगा। रामेश्वर गोप पिछले कई वर्षो से पर्यावरण को बचाने में अपना योगदान दे रहे है। साथ ही लोगों को पर्यावरण व जल संरक्षण का संदेश भी देते नहीं थकते हैं। रामेश्वर गोप बताते हैं कि ईश्वर द्वारा प्रदत प्रकृति को नुकसान पहुंचाना विश्व को हानिकारक बना रहा है। आज विज्ञान अपनी तकनीक से घर में बैठे एसी का मजा तो दे देता है लेकिन प्रकृति जैसी हवा बनाना और पानी को पैदा करना इंसान के बस में नहीं है। रामेश्वर द्रा लगाए गए दजनों पौधे आज पेड़ का रूप ले चुके हैं।

गांव-गांव व स्कूलों में चलाते हैं जागरूकता अभियान

रामेश्वर गोप जिदल फैक्ट्री में कार्यरत हैं। नौकरी के बाद अपने बचे समय को समाज व सामाजिक कार्यों में देते हैं। प्रखंड के लगभग सभी गांव व स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण को ले जागरूकता अभियान भी चलाते हैं। वे लोगों द्वारा लगाए गए पौधे को कैसे पेड़ बनाने तक अंजाम पहुंचाना है इसका टिप्स भी देते हैं। विद्यालयों में पहुंच शिक्षकों से उनका विशेष अनुरोध होता है कि अपने पाठ्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों को पौधों का महत्व व पर्यावरण संरक्षण का पाठ जरूर पढ़ावें। वे क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी सेविका व सहायिका से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जल संरक्षण की दिशा में भी जागरूकता फैलाने की बात करते हैं। वे जागरूकता के दौरान इस बात को भी बताते है कि पेड़ों से जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण सहित अनेक फायदे होते हैं। पर्यावरण रक्षा का हथियार है शिक्षा

रामेश्वर गोप का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए साक्षर होना जरूरी है। पेड़ का महत्व क्या है एक शिक्षित व्यक्ति ज्यादा समझ सकता है। यही कारण है कि रामेश्वर गोप ने लगभग 20 वर्षों से प्रखंड में शिक्षा का भी अलख जगाया है। शिक्षित व्यक्ति पूरी समझदारी के साथ पेड़ व पर्यावरण के संरक्षण में अपना योगदान देकर पूरे विश्व को खुशहाल बना सकता है।

पूरे प्रखंड को पर्यावरण साक्षर बनाना है लक्ष्य: रामेश्वर

रामेश्वर गोप का लक्ष्य पूरे पतरातू प्रखंड को पर्यावरण साक्षर बनाना है। वे कहते हैं कि पूरे पतरातू प्रखंड में जब तक 50 हजार पौधारोपण नहीं करा लूंगा तब तक पौधारोपण का मेरा अभियान जारी रहेगा। पौधारोपण के साथ-साथ उसका संरक्षण सबसे बड़ी बात है। इसी बात को ले मैं क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाता हूं। रामेश्वर गोप ने लोगों से भी पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जल संरक्षण की दिशा में हर संभव प्रयास करने की अपील करते हैं। वे बताते हैं कि शिक्षा के माध्यम से पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैला इसे बचाया जा सकता है।

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