बंद होती रहीं परियोजनाएं, उखड़ती रहीं कोलियरी की सांस

संजय मंडल मांडू(रामगढ़) परियोजनाओं की जब शुरुआत होती है तो लोगों में उत्साह जगत

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 06:10 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 06:10 PM (IST)
बंद होती रहीं परियोजनाएं, उखड़ती रहीं कोलियरी की सांस
बंद होती रहीं परियोजनाएं, उखड़ती रहीं कोलियरी की सांस

संजय मंडल, मांडू(रामगढ़) : परियोजनाओं की जब शुरुआत होती है तो लोगों में उत्साह जगता है। रोजगार के द्वार खुलते हैं, लेकिन प्रबंधन की लापरवाही से जब परियोजनाओं की सांसे उखड़ने लगती है और घरों के चूल्हों पर आफत आ जाती है। इसी तरह का मामला मांडू में भी दिख रहा है। प्रबंधकीय लापरवाही, अंचल व जिला प्रशासन की पेंच व वन विभाग के हस्तक्षेप के बीच भू समस्या को लेकर सीसीएल कुजू की कई परियोजनाएं बंद को चुकी हैं या कुछ अंतिम सांसें ले रही हैं। सीसीएल की हेसागढ़ा, कुजू, सारूबेडा, पिडरा, पुंडी और आरा परियोजना बंद हो चुकी हैं। जबकि, तोपा, और करमा परियोजना अंतिम सांसें ले रही हैं। भूमि समस्या का निवारण नहीं होने के कारण कोलियरियों में उत्पादन का प्रतिशत भी कम हो गया है, जिससे कामगारों व विस्थापित गांवों के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। इन क्षेत्रों से ग्रामीण रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं। सीसीएल कुजू क्षेत्र के हेसागढा और कुजू परियोजना को लंबे समय से वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिल पाने के कारण बंद है। इन दोनों परियोजना की खदानों में लगी आग के कारण करोड़ों का कोयला जलकर खाक हो रहा है। इन खदानों को वन विभाग से एनओसी मिल जाए तो अब भी हजारों टन कोयला राख होने से बच सकता है। इसी तरह सीसीएल कुजू क्षेत्र के पुंडी, तोपा, परेज और करमा परियोजना अंतिम सांसें गिन रही है। पुंडी परियोजना में 205 एकड़ ,जबकि अधिग्रहित एरिया 703 एकड़, तोपा में 204, आरा में 441, करमा में 305, हेसागढ़ा में 34, कुजू में 189, पिडरा में 199 एकड़ गैरमजरुआ भूमि का सत्यापन प्रशासनिक स्तर पर नहीं हो पाया है। इससे कारण कोलियरी बंदी के कगार पर पहुंच गई है। विस्थापित नेताओं के अनुसार परियोजनाओं को बचाने में प्रबंधन व जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। सीसीएल के पदाधिकारी जहां अपनी ड्यूटी बजाने के नाम पर कोरम पूरा कर रहे हैं, वहीं प्रशासन भी कोई खास रुचि नहीं है। बंद खदानों से हो रहा अवैध खनन

सीसीएल की बंद पड़ी कोयला खदानों से कोयले का अवैध खनन किया जा रहा है। कोयला तस्कर खदानों में अवैध मुहाना बनाकर कोयले की निकासी कर साइकिल, मोटरसाइकिल व ट्रैक्टर के माध्यम से बेच रहे हैं। हालांकि सीसीएल प्रबंधन समय-समय पर डोजरिग कर अवैध मुहानों को बंद कर कोरम पूरा करती है।

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कहते हैं अंचलाधिकारी

मांडू अंचल अधिकारी राकेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अब जिला से सत्यापन का कार्य होता है, मेरे यहां से सत्यापन नहीं होता। इसलिए इस संबंध में कुछ भी बताने में असमर्थ है।

निजी हाथों में बेचने की साजिश: हाजी मो. अताउल्लाह

आरसीएमएस के क्षेत्रीय सचिव हाजी मो अताउल्लाह अंसारी ने कहा कि सरकार कोलियरी को निजी हाथों में बेचने की साजिश कर रही हैं। मगर विस्थापितों को नौकरी व मुआवजा नहीं मिला तो कोलियरी का विस्तारीकरण संभव नहीं है। सीसीएल प्रबंधन और प्रशासन क्षेत्र के कोलियरियों को बंद करने की साजिश रच रहे हैं।

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रैयतों को अधिकार से वंचित करने की हो रही है साजिश: लालचंद

रैयत विस्थापित प्रभावित मजदूर मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष ललाचंद महतो ने कहा कि सरकार कोलियरी विस्तारिकरण व बंद पड़े कोयला खदानों को चालू कराने में रुचि नहीं दिखा रही है। राज्य सरकार व जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार भूमि का भौतिक सत्यापन में भी 4 एच के तहत कार्रवाई कर रैयतों को हक अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जिस के कारण कई परियोजना के विस्तारीकरण में बाधा उत्पन्न हो गई है।

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