जर्जर सड़क को दोहरीकरण कराने की मांग

संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) झामुमो के केंद्रीय सचिव सह पार्षद संजीव बेदिया ने राज्य के मे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 08:15 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:16 AM (IST)
जर्जर सड़क को दोहरीकरण कराने की मांग
जर्जर सड़क को दोहरीकरण कराने की मांग

संवाद सूत्र, भुरकुंडा (रामगढ़) : झामुमो के केंद्रीय सचिव सह पार्षद संजीव बेदिया ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र सौंप एनएच 33 रांची-पटना सड़क से जुड़े बनखेता-मतकमा की सिगल व जर्जर सड़क को दोहरीकरण कराने की मांग की है। कहा है कि इस सड़क से दर्जन भर से अधिक गांव जुड़े हैं। साथ ही लाखों की आबादी इससे प्रभावित है। यह सड़क वर्तमान में पूरी तरह से जर्जर हो गई है। इस सड़क पर प्रतिदिन भारी वाहनों, सवारी वाहनों व ट्रैक्टर के परिचालन से सड़क तो जर्जर हो ही गई है। आए दिन दुर्घटना व जाम भी लगी रहती है। जर्जर सड़क होने के कारण किसानों को इन बाजारों तक पहुंचने में काफी परेशानी होती है। इसी सड़क क्षेत्र के आसपास दर्जनों पत्थर के क्रशर व कोड़ी लाइम स्टोन खदान भी है। वर्तमान में इसी सड़क के पास से कोडरमा-रांची रेल मार्ग गुजरा है। बगल में ही सांकी स्टेशन का निर्माण हुआ है। पत्र में मुख्यमंत्री से इस सड़क को पथ निर्माण विभाग के अधीन कर दोहरीकरण कराने की मांग की है।

दर्जनों गांव जुड़े हैं इस सड़क से

बनखेता से मतकमा चैक (भुरकुंडा) के बीच इस सिगल लेन सड़क से दर्जनों गांव जुड़े हुए हैं। सड़क जर्जर होने के कारण विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भुरकुंडा आने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस सड़क के माध्यम से मतकमा, लादी, चिकोर, पाली, सांकी, अरमादाग, कोड़ी, जोबो, बारीडीह, डाडीदाग, हलवादी व बनखेता सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। जबकि सुद्दी, जमुरा, खपिया, कडरू, निम्मी, लादी, देवरिया, कुरर्से सहित लगभग दो दर्जन गांव इस पथ के माध्यम से जुड़े हुए हैं।

सड़क बन जाने से राजधानी की दूरी 20 किलोमीटर हो जाएगी कम

पत्र में केंद्रीय सचिव संजीव बेदिया ने कहा है कि इन दर्जनों गांव के लोगों को वर्तमान में राजधानी रांची जाने के लिए भाया-रामगढ़ या पतरातू के मार्ग से जाना पड़ता है। अगर यह जर्जर व सिगल सड़क का दोहरीकरण हो जाये तो दर्जनों गांवों के लोगों को राजधानी रांची जाने में काफी सुविधा हो जायेगी। साथ ही दूरी भी लगभग 20 किलोमीटर कम हो जायेगी।

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