हर साज पर थिरकने लगती हैं चिटू की उंगलियां

देवांशु शेखर मिश्र रामगढ़ जिले के कलाकारों में जाना-पहचाना नाम है चिटू मिश्रा का। चिट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:11 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:11 PM (IST)
हर साज पर थिरकने लगती हैं चिटू की उंगलियां
हर साज पर थिरकने लगती हैं चिटू की उंगलियां

देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़ : जिले के कलाकारों में जाना-पहचाना नाम है चिटू मिश्रा का। चिटू बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उनकी उंगलियां लगभग हर साज पर थिरकने लगती हैं। तबला, गिटार, कीबोर्ड, पियानो आदि साजों पर जादुई कमाल उनकी उंगलियां दिखाती हैं। जिले के सांडी इलाके में सी एन कॉलेज के समीप रहने वाले चिटू मिश्रा ने अपने आवास में ही म्यूजिक स्टूडियो बना रखा है, जिसमें वे संगीतकार के रूप में म्यूजिक कम्पोजीशन का कार्य करते हैं। संगीत के क्षेत्र में लगभग सभी साज पर इनका अध्ययन एवं नियंत्रण है और आज भी निश्शुल्क बच्चों को संगीत की शिक्षा दे रहे हैं। संगीत में प्रभाकर की शिक्षा प्राप्त करने वाले चिटू कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हें। वे अपना आइडियल पटना निवासी प्रसिद्ध कलाकार अनूप पाठक गप्पू को मानते हैं। इन्होंने मुंबई में करीब चार वर्षों तक स्ट्रगल किया। जिसमें इनके चौथे गुरु रवींद्र जैन के सानिध्य में काम किया। इसके अलावा आदेश श्रीवास्तव के सानिध्य में भी इन्होंने काम किया। वर्तमान में बॉलीवुड के चर्चित म्यूजिक डायरेक्टर शेखर श्रीवास्तव के साथ मिलकर एक हिदी फिल्म के काम में लगे हैं। 22 जून 1976 में जिले के रांची रोड में जन्मे चिटू ने बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ संगीत में लगे रहे। उन्होंने सबसे पहले अपने पिता स्व. सीताराम मिश्रा से संगीत की शिक्षा ली। इसके बाद पाश्चात्य संगीत के लिए बोकारो के जगदीश बावला, पटना के अनूप पाठक गप्पू एवं सुधीर कुमार सिन्हा उर्फ अन्नू से प्यानो की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद साउंड इंजीनियरिग कोर्स करने के बाद उन्होंने खुद अपना स्टूडियो बनाया और अपने संगीत के माध्यम से बॉलीवुड तक में अपनी पहचान बनाई। अपने संगीत से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। करीब 12 हजार गीतों में अपना संगीत दिया और लगभग 16 हिदी, भोजपुरी, बांग्ला, खोरठा, छत्तीसगढ़ी, संबलपुरी फिल्मों में संगीत दिया। बॉलीवुड के कई प्लेबैक सिगर मसलन मोहम्मद अजीज, शब्बीर कुमार, गुरदास मान, सुखविदर सिंह, उदित नारायण, कैलाश खेर, अलका याग्निक, साधना सरगम, अमन त्रिखा, कविता कृष्णमूर्ति, सुरेश वाडेकर व अन्य कई जाने-माने गायकों को अपने संगीत में गवाया। इनकी सोच हमेशा यही रहे कि अपने क्षेत्र के लोगों को और अपने क्षेत्र को संगीत की दुनिया में आगे लेकर जाएं। आज भी वे अपने रामगढ़ के कलाकारों के लिए समर्पित रहते हैं।

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