दो साल पहले रामगढ़ आए थे सीडीएस विपिन रावत

तरुण बागी रामगढ़ दो साल पहले 25 सितंबर 19 को भारतीय सेना के सीडीएस विपिन रावत सैनिक छ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 09:37 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 09:37 PM (IST)
दो साल पहले रामगढ़ आए थे सीडीएस विपिन रावत
दो साल पहले रामगढ़ आए थे सीडीएस विपिन रावत

तरुण बागी, रामगढ़ : दो साल पहले 25 सितंबर 19 को भारतीय सेना के सीडीएस विपिन रावत सैनिक छावनी स्थित पंजाब रेजिमेंटल सेंटर में आए थे। उस दिन उन्होंने बतौर थल सेनाध्यक्ष देश में स्थित पंजाब रेजिमेंट की दो नई बटालियन 29 पंजाब व 30 पंजाब को उनकी बहादुरी, कर्मठता व चुनौती भरे माहौल में सफलता पूर्वक सेवा देने के लिए राष्ट्रपति निशान (प्रेसिडेंट कॉलर्स) प्रदान किया था। देश भर के सेना के वरीय अधिकारी, सेवानिवृत अधिकारी, जवान व अन्य अतिथिगण इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने थे। उस दिन पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के किलाहरि ड्रील मैदान में थल सेनाध्यक्ष की मौजूदगी में पूरे जोश व उमंग के साथ झमाझम बारिश के बीच जाबांज जवानों ने राष्ट्रपति निशान परेड का शानदार प्रदर्शन किया था। तमिलनाडू में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मौत की खबर पाकर आज रामगढ़ सैनिक क्षेत्र के पंजाब रेजिमेंटल सेंटर व सिख रेजिमेंटल सेंटर के सैन्य अधिकारियों व जवानों में शोक की लहर है। 25 सितंबर 21 में तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत का स्वागत करने वाले सेंटर कमांडेंट ब्रिगेडियर नरेंद्र चारग आज भी रामगढ़ में पदस्थापित है। उस दिन के ऐतिहासिक क्षण में थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने तत्कालीन कर्नल आफ द पंजाब रेजिमेंट लेफ्टिनेट जनरल पीएम बाली की मौजूदगी में पंजाब रेजिमेंट की दो युवा बटालियन 29 पंजाब 30 पंजाब को निशान प्रदान कर सम्मानित किया गया। निशान परेड में छह सैन्य दल व एक इंडियन एयरफोर्स की सारंग हेलीकॉप्टर टीम ने हिस्सा लेकर समारोह को अविस्मरणीय बन दिया था। जनरल रावत उस दिन समारोह में देश भर से भाग लेने आए सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों, वीर नारियों व शहीद परिवार के अन्य लोगों से बारी-बारी से मिलकर उनसे बातचीत की थी। साथ ही उनके विभिन्न समस्याओं से अवगत होकर उनकी समस्याओं का निदान करने का भी आश्वासन दिया। वे जनरल बिपिन रावत ने रेजिमेंट के पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि रेजिमेंट के अत्यधिक प्रयास एवं समृद्ध परम्पराओं के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों युद्ध, संचालन, खेल, प्रशिक्षण में भी जवानों का प्रदर्शन बेहतरीन है। वे रामगढ़ आकर भारतीय सेना के सबसे पुरानी व अलकृंत पंजाब रेजिमेंट को संबोधित करने का मौका मिला। पंजाब रेजिमेंट युद्धस्तर पर इंडियन आर्मी में एक विशेष स्थान रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक व पेशेवर भारतीय सेना को भविष्य मे आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।

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