नहीं हुआ भुगतान, अस्पताल परेशान

तरुण बागी रामगढ़ गरीबों के इलाज के लिए केंद्र ने आयुष्मान योजना लागू की लेकिन निजी अस्प

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 06:51 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 06:51 PM (IST)
नहीं हुआ भुगतान, अस्पताल परेशान
नहीं हुआ भुगतान, अस्पताल परेशान

तरुण बागी, रामगढ़ : गरीबों के इलाज के लिए केंद्र ने आयुष्मान योजना लागू की, लेकिन निजी अस्पतालों का तीन महीने से दो करोड़ से अधिक का भुगतान नहीं होने के कारण अस्पताल परेशान हैं। वहीं, गरीबों के इलाज पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

जिले में आयुष्मान से जुड़े 30 निजी अस्पतालों का दो करोड़ से भी अधिक का बकाया है। तीन महीने से कार्डधारियों के इलाज के एवज में अस्पतालों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। आयुष्मान कार्ड लेकर इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अस्पताल सीधे इलाज करने के लिए इन्कार तो नहीं किया जा रहा है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से इलाज में अनुमानित खर्च होने की स्थिति में बिल फंसने को लेकर मरीजों को सीधे रांची या दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जा रहा है। 30 अस्पतालों का औसतन कम से कम पांच लाख से 20 लाख बकाया है।

बैंक बदलने से हो रही दिक्कत

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि एनआरएचएम के आयुष्मान भारत योजना के बैंक खाता का एक दूसरे बैंक में ट्रांसफर किए जाने के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है। पहले अस्पतालों को आयुष्मान भारत के इलाज के बिल का भुगतान बैंक आफ इंडिया से होता था। अब राज्य स्तर पर बैंक आफ इंडिया के खाते को बदलकर आइसीआइसीआइ बैंक में कर दिया गया है। बैंक बदलने के बाद भुगतान की तकनीकी खामियों के कारण आयुष्मान योजना में इलाज किए गए अस्पतालों को बिल का भुगतान नहीं हो पा रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर शहर के एक सर्जन ने बताया कि उनके अस्पताल में प्रतिदिन औसतन चार से पांच आयुष्मान कार्डधारियों का आपरेशन होता है। ऑपरेशन के दौरान दवा से लेकर कई तरह के खर्चा होता है।

कोट

अस्पतालों को समय से उनके बिल का भुगतान हो। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। दो-तीन माह से आयुष्मान योजना से इलाज किए अस्पतालों को उनके बिल का भुगतान नहीं होने की शिकायत मिली है। कुछ तकनीकी कारणों से भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक की जाएगी। उनके बकाए बिल का भुगतान जल्द से जल्द हो इसका प्रयास किया जा रहा है।

-डा प्रभात कुमार,सिविल सर्जन रामगढ़।

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