रेलवे अधिकारी हुए रेस तो ठेकेदार ने रिजेक्ट मेटल ट्रैक से हटाया
संवाद सूत्र बरलंगा(रामगढ़) रांची रेल मंडल अंतर्गत मुरी-बरकाकाना रेल खंड पर बरलंगा र
संवाद सूत्र, बरलंगा(रामगढ़) : रांची रेल मंडल अंतर्गत मुरी-बरकाकाना रेल खंड पर बरलंगा रेलवे स्टेशन क्षेत्र में गत दिनों ट्रैक पर ठेकेदार ने रिजेक्ट मेटल लगवाया था। दैनिक जागरण में 19 अक्टूबर को बरलंगा में बेकार पड़े रिजेक्ट मेटल को ठेकेदार ने ट्रैक पर लगवाया, होगी जांच शीर्षक से खबर छपी थी। छपी खबर में यह जानकारी दी गई कि जिन पत्थरों(मेटल) को 30 वर्ष पहले रिजेक्ट कर दिया गया था, उसे ही बरकाकाना मुरी रेल खंड में बिछाने का कार्य चल रहा है। खबर छपने के बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया। जागरण की छपी खबर को संज्ञान में लेते हुए रेलवे के अधिकारियों निर्देश के के बाद ठेकेदार ने बेहतर गुणवत्ता के मेटल को गिराकर ट्रैक पर लगवाने का काम गुरुवार से शुरू कर दिया है। जागरण में तस्वीरों के साथ खबर छपने के दूसरे दिन से ही रेलवे के ठेकेदार ने लाखों रुपये के ट्रैक पर बिछाए गए रिजेक्ट मैटल को मजदूरों के माध्यम से हटाना शुरू कर दिया। बताया गया कि दैनिक जागरण में 19 अक्टूरबर को प्रमुखता से उक्त खबर के छपने के बाद रेलवे के अधिकारी रेस हो गए। बुधवार को अधिकारियों का एक दल बरलंगा रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों के दल ने छपी खबर की सत्यता को सही पाया गया। मौके पर ही मोबाइल पर जांच व निरीक्षण करने आए अधिकारियों ने ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाते हुए मरे यानी रिजेक्ट पत्थरों को तत्काल ट्रैक से हटाते हुए अच्छे और बेहतर गुणवक्ता के पत्थर लगाने का निर्देश दिया गया। ठेकेदार ने आनन-फानन में स्थानीय मजदूरों की खोज कर गुरुवार को ट्रैक से मरे हुए और रिजेक्ट मेटल को उठवाकर जिस साइट से उठाया गया था, वहीं पर रखवाया। इसके बाद ट्रैक के समीप अच्छा और बेहतर क्वालिटी के मैटल गिराकर ट्रैक पर नए सिरे पर लगाया गया। बताया जाता है कि तीस वर्षों से बेकार पड़े मेटल को ठेकेदार ने ट्रैक पर लगवा दिया था। इसके एवज में ठेकेदार ने लाखों रुपये रेलवे से भुगतान लिया था। रेलवे ठेकेदार ने कुछ अधिकारियों से मिलकर यह कारनामा किया था। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि मामले की निष्पक्षता से जांच कर जो भी लोग इस मामले में दोषी पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी। इधर बरलंगा के ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले को लेकर जल्द ही रांची जोन के डीआरएम विजय गुप्ता से मिलकर उनके समक्ष मामले को रखा जाएगा। रेलवे अधिकारियों के इस जांच के बाद कार्य में संलिप्त अधिकारी डरे और सहमे हुए हैं।