पांच माह में जिले में बने चार सिविल सर्जन

तरुण बागी रामगढ़ जिले में पांच माह में चार सिविल सर्जन बदल गए। इससे काम का अंदाजा लगा सकते

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 06:13 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:13 PM (IST)
पांच माह में जिले में बने चार सिविल सर्जन
पांच माह में जिले में बने चार सिविल सर्जन

तरुण बागी, रामगढ़ : जिले में पांच माह में चार सिविल सर्जन बदल गए। इससे काम का अंदाजा लगा सकते हैं। जब पूरा देश कोविड 19 से परेशान हैं, उस हालत में यहां बार-बार सिविल सर्जन ही बदल जा रहा है। ऐसी व्यवस्था में हम तीसरी लहर से क्या निपट पाएंगे? यह अलग बात है कि सिविल सर्जन बदले जाने से अभी तक कोई काम बाधित नहीं हुआ है, लेकिन वर्तमान सिविल सर्जन द्वारा कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में की जा रही तैयारी पर असर जरूर पड़ सकता है। जिले में अभी सीसीएल केंद्रीय अस्पताल नईसराय व छत्तरमांडू स्थित सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया चल रही है। वर्तमान के सिविल सर्जन डा गीता सिन्हा मानकी द्वारा तीसरी लहर से निपटने के लिए कई तरह से प्रयास भी किया जा रहा है।

पिछले पांच महीने पर बात करें तो गत 31 जनवरी 2021 को जिले की सिविल सर्जन डा. नीलम चौधरी सेवानृवित्त हो गईं। इसके बाद चतरा के सिविल सर्जन कार्यालय में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में सेवा दे रहे डा एसपी सिंह को रामगढ़ के तत्कालीन उपायुक्त संदीप सिंह ने सिविल सर्जन के रूप प्रतिनियुक्ति कर दिया। डा एसपी सिंह के सिविल सर्जन बने तीन दिन के बाद ही स्वास्थ्य विभाग के एक आदेश जारी कर सिविल सर्जन कार्यालय में ही पदस्थापित दूसरे चिकित्सा पदाधिकारी डा. साथी घोष को सिविल सर्जन बना दिया। फिर डा. साथी घोष सिविल सर्जन के रूप में जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगीं थीं कि ठीक 18 दिन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक और आदेश जारी कर जिले में कुष्ठ रोग निवारण पदाधिकारी की जिम्मेवारी निभा रहीं डा. गीता सिन्हा मानकी को सिविल सर्जन बना दिया। इसके बाद गत 24 फरवरी से डा. गीता सिन्हा मानकी काम कर रही थीं कि तीन दिन पूर्व सरकार ने राज्य स्तर पर दर्जन भर सिविल सर्जन सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी कर दी जिसमें फिर से रामगढ़ के सिविल सर्जन को भी बदल दिया गया। जारी अधिसूचना में रामगढ़ के सिविल सर्जन डा गीता सिन्हा मानकी को बदलने का उल्लेख नहीं किया गया। जबकि खूंटी सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी सह सिविल सर्जन के अतिरिक्त प्रभार डा प्रभात कुमार को रामगढ़ का सिविल सर्जन बना दिया गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार ने तीन अगस्त को एक और अधिसूचना जारी कर रामगढ़ के सिविल सर्जन डा गीता सिन्हा मानकी को रामगढ़ में ही अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी(एससीएमओ) के रूप में पदस्थापित किया है। इस तरह अब कोविड की दूसरी लहर में सक्रिय होकर जिम्मेवारी निभाने वाले डा गीता सिन्हा मानकी को अब इसी जिले में सिविल सर्जन के स्थान पर एससीएमओ की जिम्मेवारी निभानी होगी। डा. गीता सिन्हा मानकी ने कहा कि उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के दौरान रात-दिन एक कर सेवा भावना से काम किया। अपनी जिम्मेवारियों से कभी पीछे नहीं हटी। हालांकि वे इसी महीने 31 अगस्त को सेवानिवृत्त भी होने वाली हैं।

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