जैन समाज का दशलक्षण पर्व क्षमा-याचना के साथ संपन्न

रामगढ़ : श्री दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे जैन समाज का दशलक्षण पर्व का समापन बुधवार को क्षम

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 08:33 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 08:33 PM (IST)
जैन समाज का दशलक्षण पर्व क्षमा-याचना के साथ संपन्न
जैन समाज का दशलक्षण पर्व क्षमा-याचना के साथ संपन्न

रामगढ़ : श्री दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे जैन समाज का दशलक्षण पर्व का समापन बुधवार को क्षमा-याचना के साथ किया गया। इस दौरान विभिन्न अनुष्ठान किया गया। समाज के लोगों ने पूजन कर क्षमा मांगी। साथ ही एक स्वर में कहा कि वास्तव में, एक व्यक्ति जो दूसरे से क्रोध, घृणा, बदले की भावना रखता है, वह स्वयं एक तनाव में गलता रहता हैं। यह उसके शारीरिक, मानसिक संतुलन को बिगाड़ते हैं । उसका ¨चतन दूषित होता है और जीवन मे अशांति बनी रहती है । किसी ने कहा है कि पुराने घावों को खरोंचना और उनका हिसाब रखना कभी भी उनको भरने नहीं देगा। क्षमाशीलता के अभाव में लोग शिकवे -शिकायतों को ¨जदगी भर ढो़ते हैं । यदि कोई उनसे ईमानदारी के साथ क्षमायाचना कर ले या फिर वे खुद ही ईमानदारी से क्षमा मांग लें, तो व्यर्थ के मानसिक तनाव से बच सकते हैं । कहा कि क्षमा करने और क्षमा मांगने से जहां स्वयं को शांति का अनुभव होता है। वहीं समाज में समरसता, प्रेम, सोहार्द का वातावरण बनता है। कहा ये सब बातें कहना आसान है, परंतु सही रूप से क्षमाशील होने के लिए बहुत बड़ा हृदय चाहिए । क्षमा मांगने और क्षमा करने के लिए अपने अहं को पीछे रखना होता है, एवं हृदय में क्षमा का भाव रखना होता है बाद में महाआरती के साथ जलाभिषेक किया गया। जलाभिषेक में रमेश सेटी, मनिक चंद जैन, श्याम सुंदर जैन, पदम चंद जैन, संजय सेटी ने किया। मौके पर राहुल जैन, रमेश सेटी, विनोद जैन, मनिक जैन, राजू पाटनी, संपत जैन, ललीत चुड़िवाल, हरक चंद अजमेरा, नागरमल गंगवाल, प्रदीप जैन, राजू सेटी, शांतिलाल सेटी, अर¨वद सेटी, अशोक लाल, ललीत चुड़िवाल, उत्तम जैन, प्रकाश अजमेरा, हुमन चंद जैन आदि मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी