केलवा जे फरेला घवध से....
संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) केलवा जे फरेला घवध से..कांच ही के बांस के बहंगिया..
संवाद सूत्र, भुरकुंडा (रामगढ़) : केलवा जे फरेला घवध से..कांच ही के बांस के बहंगिया... ऊग हो सूर्य देव अरघ के बेर ... आदि छठ के भक्ति गीतो से क्षेत्र गूंज रहा है। भुरकुंडा कोयलांचल भदानीनगर, सौंदा डी, सेंट्रल सौंदा, रिभर साइड सहित आसपास क्षेत्रों में चैती छठ भक्ति भाव व धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्रद्धा भक्ति का महापर्व चैती छठ के मौके पर रविवार को छठव्रती दिन रात निर्जला उपवास रखे। साथ ही सूप दउरा मे फल फूल प्रसाद सजाकर छठ घाटो पर पहुंचे एवं अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को प्रथम अर्ध अर्पित किया गया। भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के लिए बडी संख्या में भक्तो की भीड़ उमडी। इसी प्रकार सोमवार को तड़के सुबह पुन: छठघाटो पर पहुंच उदयीमान भगवान सूर्य को द्वितीय अर्घ्य अर्पित करेंगे। दोनों समय अर्घ्य अर्पित करने से पहले छठव्रती आधे शरीर पानी मे रहकर छठ मां भगवान सूर्य की पूजा आराधना करेंगे। अर्घ्य अर्पित करने के बाद छठ का प्रसाद सेवन कर पारण करेंगे। इधर छठ महापर्व पर भुरकुंडा नलकारी नदी तट छठघाट समीप स्थित छठ माता मंदिर, भगवान सूर्य मंदिर, गंगा मां मंदिर को काफी भव्य आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मालूम हो कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण का प्रकोप काफी बढ़ गया है। जिसके कारण छठ घाटों पर हर वर्ष की भांति इस बार उतनी भीड़ नहीं उमड़ी, लेकिन कोरोना पर भारी पड़ती दिखी छठी मईया की आस्था। रविवार को छठ घाट पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। हलांकि लोगों ने कोरोना संक्रमण को ले सरकारी गाईडलाइनों का अनुपालन करते हुए पूजा-अर्चना में शामिल हुए। इसके पूर्व श्रद्धा व भक्ति का चार दिवसीय चैती महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को छठ व्रतियो ने नियम पूर्वक खरना किए। इसमें दिन भर निर्जला उपवास रखने के बाद शाम मे शुद्ध रूप से गाय के दूध में खीर बनाए। साथ ही पूजा अर्चना कर प्रसाद के रूप में खीर का सेवन किए। भक्तों के बीच देर शाम तक खरना के प्रसाद का वितरण होता रहा।