आनंदमार्ग का तीन दिवसीय ऑनलाइन सेमिनार

संवाद सूत्र गिद्दी (रामगढ़) रामगढ़ भुक्ति प्रधान प्रतिमा दीदी के सौजन्य से आनंद मार्गी प्रथम संभागी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 10:01 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 10:01 PM (IST)
आनंदमार्ग का तीन दिवसीय ऑनलाइन सेमिनार
आनंदमार्ग का तीन दिवसीय ऑनलाइन सेमिनार

संवाद सूत्र, गिद्दी (रामगढ़) : रामगढ़ भुक्ति प्रधान प्रतिमा दीदी के सौजन्य से आनंद मार्गी प्रथम संभागीय तीन दिवसीय ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें करीब 3000 लोग ऑनलाइन अत्याधुनिक साधनों से सेमिनार का लाभ उठाया। ऑनलाइन सेमिनार में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के ट्रेनर आचार्य रुद्रानंद अवधूत ने साधकों व जिज्ञासु को कर्म और कर्मफल विषय के बारे में जानकारी दिया। उन्होंने कहा कि सृष्टि लीला कर्म द्वारा ही विद्युत है। वस्तु की अवस्थान्तर प्राप्ति या उसके आपेक्षिक स्थान परिवर्तन को कर्म कहते हैं। कर्म दो तरह का होता है। दैहिक कर्म और मानसिक कर्म। कर्म चक्र जन्म, जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का कारण है। अभुक्त संस्कार के भोग के लिए मनुष्य विभिन्न योनियों में जन्म लेता है। संस्कार भोग से बचने के लिए कर्म योग ही समाधान है। संस्कारों से मुक्ति या कर्म बंधन से छुटकारा के लिए तीन उपाय फलाकांक्षा त्याग, कर्तृत्वाभिमान, त्याग एवं सर्वकर्म ब्रह्म में समर्पण के बारे में बताया। आचार्य जी ने कहा कि इष्ट मंत्र, गुरु मंत्र, सद्गुरु संपर्क, साधना, सेवा, त्याग, स्वाध्याय, सत्संग व संपूर्ण समर्पण ही साधक को मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।

chat bot
आपका साथी