जाति-धर्म नहीं इंसानियत के दीवाने हैं आशिक

मुर्तजा मेदिनीनगर (पलामू) रक्त की कमी से किसी की मौत न हो इस सोच के साथ कई लोग अपने रक्त

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 06:28 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 06:28 PM (IST)
जाति-धर्म नहीं इंसानियत के दीवाने हैं आशिक
जाति-धर्म नहीं इंसानियत के दीवाने हैं आशिक

मुर्तजा, मेदिनीनगर (पलामू) : रक्त की कमी से किसी की मौत न हो इस सोच के साथ कई लोग अपने रक्त से दूसरों की जिदगी सींच रहे हैं। पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के कुंड मुहल्ला निवासी आशिक जमाल भी इसकी एक बानगी हैँ। आशिक जाति-धर्म नहीं बल्कि इंसानियत के दीवाने हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज की जाति-धर्म नहीं बल्कि गंभीर स्थिति की सूचना पर रक्त देने तत्काल पहुंच जाते हैँ। 13 वर्षों में आशिक 49 बार रक्तदान कर चुके हैं। रक्तदान की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2009 से की थी। उनका कहना है कि एक बार वे किसी कार्य से जिला अस्पताल गए थे, जहां रक्त नहीं मिल पाने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी। इस बात को लेकर उन्हें बहुत दुख पहुंचा और तभी से उन्होंने ठान लिया कि वे रक्तदान कर लोगों को जीवनदान देंगे। साथ ही मुहल्लों के बड़ों की सेवा भावना से भी उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि वे हमेशा दोस्तों, रिश्तेदारों के अलावा परिचितों को रक्तदान के प्रति प्रेरित करते हैँ। कई बार सामूहिक स्तर पर भी उन्होंने रक्तदान किया है। पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर स्थित मेदिनी राय मेडिकल कालेज अस्पताल समेत नवजीवन अस्पताल तुंबागड़ा, रांची व अन्य जिलों में भी वे रक्तदान कर चुके हैँ। उनका रक्त समूह ए पाजिटिव है। ब्लड बैंक में उनका मोबाइल भी दिया हुआ है। वे बताते हैं कई बार आधी रात के बाद भी रक्तदान का फोन आता है। बावजूद वे तत्काल अस्पताल पहुंचकर जरूरतमंद मरीज को रक्त देते हैँ। उन्होंने आम लोगों से रक्तदान के प्रति आते आने की अपील की। कहा कि सामूहिक सहयोग से ही रक्त की कमी दूर होगी। रक्तदान से कोई नुकसान नहीं बल्कि कई फायदें हैँ। रक्तदान के लिए आशिक जमाल कई बार सम्मानित भी हो चुके हैँ। बाक्स..इंसानियत का रिश्ता निभाते हुए रक्त उपलब्ध कराते हैं धीरजमेदिनीनगर : पेशे से पारा शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता धीरज मिश्रा ने रक्तदान महादान व रक्तदान जागरूकता अभियान कार्यक्रम के माध्यम से पलामू ,गढ़वा समेत राजधानी रांची में अब तक रक्त के जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध करा चुके हैं। वह खुद भी रक्तदान के प्रति सजग रहते हैं। धीरज मिश्रा ने बताया कि सामाजिक सोच भावना के तहत अपने सहयोगियों के साथ मिलकर निशुल्क सेवा भाव से रक्त उपलब्ध कराने का कार्य करते हुए जरूरतमंदों की जान बचाते रहे हैं। मेदिनीनगर स्थित ब्लड बैंक में ब्लड की कमी के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसे लेकर धीरज ने ब्लड डोनेशन से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप व सामाजिक कार्यों के लिए 2016 में इंसानियत का रिश्ता नामक व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया था। ग्रुप में सूचना साझा करके रक्त उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है।

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