भारत में कामख्या मंदिर व गजानन माता मंदिर शक्ति पीठ : महंत अवध बिहारी

हुसैनाबाद झारखंड बिहार के सीमा पर स्थित गजानन माता मंदिर मेला चैत नवरात्री के साथ पूर्णिमा को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 06:18 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 06:34 AM (IST)
भारत में कामख्या मंदिर व गजानन माता मंदिर शक्ति पीठ : महंत अवध बिहारी
भारत में कामख्या मंदिर व गजानन माता मंदिर शक्ति पीठ : महंत अवध बिहारी

हुसैनाबाद : झारखंड बिहार की सीमा पर स्थित गजानन माता मंदिर मेला चैत नवरात्री के साथ पूर्णिमा को संपन्न हो गया। इस संबंध में पटना के ओलारपुर के सूर्यमंदिर के महंत सह गजानन माता मंदिर के महंत श्रीश्री 108 श्रीअवध बिहारी जी महराज ने बताया कि भारत में दो ही ऐसा मंदिर है जहां शक्ति का पूजा होता है। गजानन माता मंदिर आज भी निराकार है। पेश सभी देवी मंदिर में मूर्ति की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रसिद्ध कामख्या मंदिर भी निराकार है। माता की मूर्ति स्थापित नहीं है। दोनों मंदिरों में केवल शक्ति की पूजा होती है। उन्होंने कहा कि गजानन माता मंदिर तो बिहार की सीमा पर अवस्थित है, कितु गजानन माता मंदिर को आगे बढ़ाने के लिए पोल्डीह के कई ग्रामीण भू दान देकर मंदिर की परिधि को एक बड़ा रुप दिया है। उन्होंने कहा कि उक्त मंदिर में पुरानी परंपरा के अनुसार आज भी बिहार-झारखंड के अलावा कई राज्यों के लोग शक्ति स्वरुपणी मां गजानन माता मंदिर की पूजा को लेकर मिट्टी के बर्तन में बने प्रसाद को ही भोग लगाते हैं। श्रीअवध बिहारी जी महराज ने कहा कि उक्त मंदिर का निर्माण में झारखंड वासियों का आज भी पूरा सहयोग मिल रहा है। यह मंदिर बिहार राज्य के अधीन है। इस मंदिर पर बिहार सरकार ने इस वर्ष सड़क का निर्माण भी कराया है। मंदिर तक अपूर्ण रह गया है। कहा कि संवेदक ने घटिया सड़क का निर्माण कराया है। यह टूटने लगी है। गजानन सेवा समिति के मुख्य कार्यकर्ता पूर्व मुखिया अभय कुमार सिंह ने सड़क निर्माण कार्य की जांच बिहार के औरंगाबाद के केडीएम से कराने की मांग की है। कहा कि संवेदक केवल सड़क निर्माण को मात्र लीपापोती कर पूर्व के पिच को कबाड़कर काम किया है। औरंगाबाद के एसडीओ ने निर्माण कार्य का स्थल जांचकर उसे बेहतर बनाने का वादा किया था। बावूद काम बंद कर लिया गया। यह जांच का विषय है। कहा कि मंदिर बिहार के अधीन होने के कारण प्रशासनिक स्तर पर उपेक्षा की जाती है। उपेक्षित किया जाता है। मंदिर में हर वर्ष दो राज्यों की अपार भीड़ हर माह पूर्णिमा के दिन लगती है। यहां न तो किसी भी तरह की पुलिस प्रशासन का ध्यान है न ही सुविधा है। कहा कि गजानन माता मंदिर में वर्ष में हर दिन बाहर श्रद्धालुओं के आने-जाने का तांता लगा रहता है। आश्विन माह की नवरात्र व चैत माह के सप्तमी से नवमी व पूर्णिमा तक कई लाख श्रद्धालु यहां पहुंचकर अपनी मन्नत मांगते व पूजा अर्चना करते है। इस साल सरकार कररबार नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति देकर पुल का निर्माण करा रही थी। यह अब तक अधूरा पड़ा है। मंदिर में मेला को संपन्न कराने के लिये पोल्डीह पंचायत के पूर्व मंखिया अभय कुमार सिंह के अलावा, मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष नरेश मेहता, सिद्देश्वर विद्यार्थी, मंदिर के पुजारी जगन्नथ मिश्रा, अयोध्या पांडेय, गजानन धाम सेवा समिति के मिथलेश चंद्रवंशी, अरुण सिंह, कर्मदेव राजवंशी, उपाध्यक्ष रामप्रवेश सिंह, अरुण मेहता, विनोद ठाकुर, डीलर संघ के सचिव मृत्युंजय सिंह, सत्यनारायण सिंह, अरविद सिंह के अलावा गजना गांव निवासी व पोल्डीह ग्राम वासियों का पूरा सहयोग प्राप्त है।

chat bot
आपका साथी