दो मासूम बच्चों की मौत से कुसड़ी गांव में मातम, दो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

मुकेश कश्यप पांकी (पलामू) पांकी थाना क्षेत्र के आसेहार पंचायत अंतर्गत कुसड़ी गांव में शनि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:40 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 09:05 PM (IST)
दो मासूम बच्चों की मौत से कुसड़ी गांव में मातम, दो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
दो मासूम बच्चों की मौत से कुसड़ी गांव में मातम, दो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

मुकेश कश्यप, पांकी (पलामू) : पांकी थाना क्षेत्र के आसेहार पंचायत अंतर्गत कुसड़ी गांव में शनिवार को नदी में प्रवाहित करंट से दो बच्चों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बता दें कि मृतक बच्चों के पिता कुल चार भाई हैं। इसमें शिव शरण सिंह, दूसरे नंबर पर छविनाथ सिंह, तीसरे देवकुमार सिंह व चौथे विश्वनाथ सिंह हैं। चारों भाइयों में से सिर्फ मंझले भाई छविनाथ सिंह को ही दो बेटे थे। पूरे कुल का चिराग बुझ जाने की बात कह कर बच्चों के दादा जगन सिंह बिलख रहे थे। बताया कि दोनों उनके बुढ़ापे की लाठी थे। इनके साथ पूरा दिन कैसे गुजर जाता था यह हमें पता ही नहीं चलता था। अब तो लग रहा है सारा संसार ही उजड़ गया। रविवार की दोपहर गांव के कई लोग शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। इस मामले में करंट से मछली मार रहे बसंत सिंह व गौतम सिंह के विरुद्ध भादवि की धारा 304, 34 आइपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों आरोपित फरार है। पुलिस इनकी तलाश कर रही है। करंट के झटके ने ले ली जान

: मछली मारने के लिए करंट लगाने के पूर्व भी मृतक बच्चों के दादा जगन सिंह ने शनिवार को पानी में करंट लगा रहे युवकों को रोका था। बावजूद इसके आरोपितों युवकों ने एक नहीं सुनी। उल्टे दबंगई कर जबरदस्ती नदी में बिजली का तार लगा दिया। नदी में बिछाए गए तार की लंबाई लगभग चार से पांच सौ फीट थी। तार को इतना लंबा करने के लिए कई जगह जोड़ लगाई गई थी। इससे पानी में कई जगह करंट प्रवाहित हो गया। नतीजतन बच्चे इसकी चपेट में आते ही दम तोड़ दिया। दोनों नामजद आरोपित फरार, पुलिस ने कर रही है शीघ्र गिरफ्तारी का दावा

: पांकी थाना पुलिस ने शनिवार को दो मासूमों की मौत मामले मे प्राथमिकी दर्ज की गई है। पांकी थाना प्रभारी अशोक कुमार महतो ने बताया कि स्वजनों के आवेदन के आधार पर गांव के बसंत सिंह व गौतम सिंह के विरुद्ध 304/34 आइपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों आरोपी फरार हैं। शीघ्र ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। विधायक ने की आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग

: कुसड़ी गांव में शनिवार को मछली मारने के लिए बिछाए गए बिजली के तार की चपेट मे आने से दो मासूम बच्चों की मौत की सूचना पाकर पांकी विधायक डा. शशिभूषण मेहता रविवार को शोकसंतप्त परिवार से मिलने कुसड़ी गांव गए। इस दौरान उन्होंने आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। कहा कि दो मासूमों की मौत के जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को ऐसे मामलों में सजग रहने की जरूरत बताई। कहा कि सजगता से भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी। विधायक ने पांकी बीडीओ व थाना प्रभारी से फोन पर बात कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। साथ ही प्रावधानों के अनुसार पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने की बात कही। मौके पर बच्चन ठाकुर, लोकेंद्र सिंह, हसीब अंसारी समेत कई ग्रामीण मौजूद थे। जानलेवा साबित हुई करंट से मछली मारने की गैर कानूनी तकनीक :

करंट से मछली मारने की तकनीक के बारे में स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि डंडे में नंगे तार को एक छोर पर दो फीट की लंबाई तक बांध कर पानी में डूबा दिया जाता है। बाद में इसमें करंट प्रभावित कर दिया जाता है। इससे करंट लगने से मछली मर जाती है। इस दौरान करंट की चपेट में आने से अन्य जलीय जीवों की भी मौत हो जाती है। गांव के कई लोग इस खतरनाक तकनीक को अपना कर मछली मारते हैं।

पगडंडियों के रास्ते पीड़ित के घर पहुंची जागरण टीम

: पांकी थाना क्षेत्र के कुसड़ी गांव मे बिजली करंट की तकनीक से मछली मारने के दौरान दो बच्चों की मौत मामलों की पड़ताल करने जागरण टीम पांकी से रवाना हुई। पांकी कर्पूरी चौक से रन्नेभरी तक का रास्ता लगभग 12 किलोमीटर तक तो कुछ हद तक ठीक था। इसके बाद कुसड़ी जाने के लिए बायें मुड़ते ही उबड़-खाबड़ सड़कों का सिलसिला शुरू हुआ। रन्नेभरी से लगभग छह किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद कुसड़ी देवी मंडप के पास पहुंच कर बाईक को रोड किनारे ही छोड़ना। यहां मृत बच्चों के घर तक जाने के लिए लगभग दो सौ मीटर तक पैदल ही स्थानीय ग्रामीण लोकेंद्र सिंह के साथ पहुंचे। रोते बिलखते स्वजन ने घटना की बातें बताई। वह हृदय विदारक थी। बच्चों के पिता के वंश में केवल यही दो बच्चे थे। अब ये नहीं रहे। घटना स्थल नदी तक जाने के लिए पुराने घर, पाही व भंडार तक जाने में दो सौ मीटर तक रास्ता ओर तय करना पड़ा। यहां पर इस घर से नदी की दूरी मात्र 50 मीटर की है। बच्चे या बड़े-बूढ़े सभी शौच अथवा नहाने के लिए इसी नदी में आते-जाते हैं। बताया जाता है कि कुछ ही दूरी पर खड़े बच्चों के फूफेरे भाई राहुल ने बच्चों को छटपटाते देख तार को सूखे डंडों से हटाया था।

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