काले धान की खेती से बदलेगी किसान की तकदीर

लीड- जागरण विशेष खेती में खाद व कीटनाशक का नहीं होता है उपयोग अशोक सिंह ने की है

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 06:41 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 06:41 PM (IST)
काले धान की खेती से बदलेगी किसान की तकदीर
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खेती में खाद व कीटनाशक का नहीं होता है उपयोग, अशोक सिंह ने की है खेती

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़फोटो : खेत में लगी काले धान की खेती को निहारता अशोक सिंह

हिमांशु तिवारी, हैदरनगर (पलामू): इस आधुनिक युग में लोगों का खानपान व सुस्त जीवन शैली कई बीमारियों को अपनी चपेट में ले रखा है। मशीनरी का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। इससे मानव शरीर कम सक्रिय हो पा रहा है। इससे लोग बीमारी के शिकार हो रहे हैं। इनमें डायबिटीज भी एक ऐसी ही बीमारी है जो आमतौर पर लोगो को अस्वस्थ आहार लेने से व शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होने के कारण अपनी चपेट में ले रही है। हम सुनते हैं कि डाइबिटिज के मरीज को डाक्टर चावल खाने से मना कर देते हैं। कारण है कि इसमें शुगर होता है। चावल पसंद लोगों के लिए मधुमेह रोग किसी अभिशाप से कम नही है। इसी को देखते हुए हैदरनगर के किसान अशोक सिंह ने पहली बार प्रखंड में काले धान की खेती शुरू की है। इस धान का चावल मधुमेह रोग के मरीजों के लिए लाभदायक होता है। इन्हें इस विशेष ़िकस्म के धान के बारे में एक स्वजन से जानकारी मिली। अशोक सिंह को काले धान की चावल खाने की सलाह उनके स्वजन ने दी। इधर काले धान के चावल की कीमत ने उन्हें अचंभित कर दिया। इसकी कीमत आमतौर पर कम से कम 300 से 400 रुपए किलो है। अशोक का कहना है कि इतना महंगा चावल खरीदकर तो वे नहीं खा सकते है। हां पैदावार तो कर सकते हैं। इसी जज्बे से इस साल वे काले धान की खेती करने का निर्णय लिया है। प्रारंभ में उन्हें इस विशेष ़िकस्म के धान की खेती का अनुभव नहीं था। एक बिगहा के खेत में उन्होंने ट्रायल के रूप में इसकी खेती शुरु की। पहले वर्ष में ही काले धान की खेती रंगत ले आई। फसल अच्छी पैदा हुई है। कटाई चालू हो गई है। एक बीघा खेत में अनुमति 10 क्विटल पैदा होने का अनुमान है। इस धान का बिचड़ा लेने मात्र के लिए लोग कटाई के समय ही इस धान की मांग कर रहे हैं। इस धान का चावल शुगर और रक्तचाप के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। इसकी खेती में खाद व कीटनाशक का उपयोग नहीं होता। खेती में लागत कम हो जाती है। चावल में रसायनिक तत्वों का खतरा भी नहीं होता। प्रति बीघा 8 से 10 क्विटल धान की पैदावार हो सकती है। हाइब्रिड को छोड़ दें तो अच्छे किस्म की धान की अन्य प्रजातियों से भी 10 से 12 क्विटल पैदावार मिलती है। काले धान की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इस धान के चावल की मांग विदेशों में ज्यादा है। सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर इस धान की पैदावारी कराए तो आम धान की खेती की तुलना में कई गुना अधिक मुनाफा किसानों को होगा। बताया कि ऊंचाई अन्य धान से बड़ी होती है। धान की खासियत है कि पौधे हरे-काले रंग के तो चावल काला होता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर, खुशबू व स्वास्थ्य का खजाना है।

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