सिमटती गई हुसैनाबाद की लाइफ लाइन हरही नदी
नदी के उदमगम स्थल पर ही सरकार ने करा दिया चेकडैम निर्माण बुधुआ गांव स्थित सोन नदी में मि
नदी के उदमगम स्थल पर ही सरकार ने करा दिया चेकडैम निर्माण, बुधुआ गांव स्थित सोन नदी में मिलती है हरही नदी की धारा फोटो :01 डीजीजे 19 कैप्शन : विलुप्त होती हरही नदी
संवाद सूत्र, हुसैनाबाद (पलामू) : हुसैनाबाद प्रखंड में हरही नदी एक चर्चित नदी है। यह यहां की लाइफ लाइन है। हरही नदी पहाड़ की गोद से निकल कर अपनी धारा से कई गांवों को छूते हुए हुसैनाबाद शहर के बीच से गुजरती है। यह बुधुआ गांव स्थित सोन नदी में अपनी धारा के साथ मिल जाती है। करीब तीन दशक पूर्व हरही नदी के एक लंबे-चौड़े हिस्से से पानी का बहाव होता था। पर्याप्त मात्रा में पानी की धारा निर्बाध रूप से बहा करती थी। बावजूद सरकारी योजना के तहत नदी पर चेकडैम निर्माण करा दिया गया। इससे यह नदी सिमट गई। नदी अब शहर में दूषित होकर नाला के रूप में बह रही है। इसमें शहर के कई नाला का निकास है। हुसैनाबाद शहर सहित गांव के लिए जीवनदायिनी नदी का असितत्व खतरे में है। हरही नदी के उद्गम स्थल से लेकर बुधुआ सोन नदी के बीच कई बांध व लघु बांध निर्माण किया गया है। इससे नदी में सामान्य रूप से पानी नहीं बहने से मानव, पशु सहित कई संसाधन विगत कई वर्षों से गर्मियों में नदी में नहीं देखे जा रहे है। हरही नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दल के नेता, समाजसेवी व प्रबुद्ध वर्ग ने लोगों से अपील की है। बाक्स..फोटो :01 डीजीजे 25 कैप्शन : प्रमोद कुमार: दशकों पूर्व हरही नदी का एक अलग स्वरूप था। कलकल पानी बहता था। लोग नदी से अपनी प्यास बुझाते थे। आज दूषित जल होने से जानवर भी नदी का पानी नहीं पीते। सरकारी स्तर पर कार्य होना चाहिए। प्रमोद कुमार सिंह, हुसैनाबाद,पलामू। बाक्स..फोटो :01 डीजीजे 27 कैप्शन : अजय प्रसाद:
हुसैनाबाद की लाइफ लाइन हरही नदी शहर ही नही गांवों के लिए भी महत्वपूर्ण नदी मानी जाती है। आज के दिनों में नदी विलुप्त होने के कगार है। सरकारी स्तर पर नदी को बचाने की मुहिम चलाया जाना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो हम बूंद-बूंद को तड़पेंगे।
अजय प्रसाद गुप्ता, नगर मंडल अध्यक्ष, हुसैनाबाद।