अस्पताल में ही उड़ रही गाइडलाइन की धज्जियां
लीड-------------- बिना मास्क के पहुंच रहे मरीज व उनके स्वजन स्क्रीनिग के बगैर मरीजों का
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बिना मास्क के पहुंच रहे मरीज व उनके स्वजन,
स्क्रीनिग के बगैर मरीजों का चिकित्सक कर रहे इलाज फोटो : 08 डालपी 02 व 03
कैप्शन : मेदिनीनगर स्थित एमआरएमसीएच में बिना मास्क के बैठे मरीज व उनके स्वजन व मेदिनीनगर स्थित एमआरएमसीएच में बिना मास्क के बैठे मरीजव उनके स्वजन। संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : कोरोना संक्रमण से अब तक पूर्ण रूप से छुटकारा नहीं मिला है। अब कोराना के नए वैरिएंट ओमिक्रान का खतरा मंडरा रहा है। बावजूद लोग लापरवाह बने हुए हैं। अस्पताल से लेकर बाजार हर तरफ लापरवाही दिख रही है। शारीरिक दूरी का पालन करना तो दूर लोग मास्क तक नहीं लगा रहे हैं।
हर स्तर पर लोग लापरवाही बरत रहे हैं। हद तो यह है कि स्वास्थ्य संस्थानों में भी मरीज व उनके स्वजन लापरवाह हैं। जागरण की टीम ने बुधवार को एमआरएमसीएच का जायजा लिया। पाया कि अस्पताल के विभिन्न क्षेत्रों में 300 से अधिक मरीज व उनके स्वजन मौजूद हैं। बावजूद कुछेक लोगों को छोड़ किसी ने मास्क तक नहीं लगाया था। अस्पताल के बाहरी हिस्से में संचालित हेल्थ मैप में अल्ट्रासाउंट और सीटी स्कैन कराने के लिए भीड़ उमड़ी थी। बावजूद लोगों ने मास्क नहीं लगाया था। पूछने पर चैनपुर के कुदागा निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि वे हड़बड़ी में अपनी बेटी को इलाज के लिए यहां लेकर आए हैं। ऐसी स्थिति में मास्क लेना भूल गए। अन्य लोगों ने भी मास्क के नाम पर बहाने बाजी की। किसी भी स्तर पर शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं हो रहा है। यह कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए काफी है। दिलचस्प बात तो यह है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से बिना स्क्रीनिग के ही मरीजों का उपचार हो रहा है। मालूम हो कि कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट ओमीक्रोन के नाम पर चर्चा में है। ऐसी स्थिति में कोरोना से बचाव के लिए हरेक लोगों को मास्क लगाना और शारीरिक दूरी का पालन करना चाहिए। बावजूद अधिकांश लोग कोरोना से बचाव संबंधित गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। एमआरएमसीएच में अस्पताल प्रबंधन भी इसके प्रति सख्त नहीं है।
बाक्स..कोरोना संक्रमण से पीछा नहीं छूटा है। हरेक लोग संक्रमण से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन का सख्ती का पालन करना होगा। लोग नियमित रूप से मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें। इलाज के पूर्व स्क्रीनिग कराना भी जरूरी है।
डा रोहित पांडेय, चिकित्सा पदाधिकारी, एमआरएमसीएच।