एचआइवी संक्रमितों की कम हो रही है संख्या

बाटम एड्स दिवस पर विशेष एक वर्ष में मिले 18 संक्रमित पलामू में एचआईवी पीड़ितों की संख्या

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 06:33 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 06:33 PM (IST)
एचआइवी संक्रमितों की कम हो रही है संख्या
एचआइवी संक्रमितों की कम हो रही है संख्या

बाटम

एड्स दिवस पर विशेष

एक वर्ष में मिले 18 संक्रमित,

पलामू में एचआईवी पीड़ितों की संख्या है 963 मुर्तजा, मेदिनीनगर (पलामू) : जागरूकता का असर दिखने लगा है। पलामू जिले में एचआइवी पीड़ितों की संख्या पिछले साल दर साल तेजी से घटती जा रही है। लेकिन 2021 में जागरूकता का असर दिखा। 17 वर्षों के दौरान 2015 सर्वाधिक 137 और 2021 में न्यूनतम 18 एचआइवी पीड़ितों की पुष्टि हुई है। असुरक्षित यौन संबंध बनाने, बिना जांच के रक्त चढ़ाने आदि कारणों से इसका प्रभाव बढ़ रहा है। महज जागरूकता ही एड्स का बचाव है।यह जानकारी अधिकांश लोगों को है। बावजूद लापरवाही बरतने के कारण एचआइवी के चपेट में आ जाते हैं। मेदिनी राय मेडिकल कालेज अस्पताल समेत विश्रामपुर सीएचसी, हुसैनाबाद सीएचसी, हरिहरगंज सीएचसी परिसर में संचालित इंटीग्रेटेड काउंसलिग एंड टेस्टिग सेंटर में जांच कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पलामू में अक्टूबर 2021 के आंकड़ों के अनुसार एचआइवी पीड़ितों की संख्या की संख्या 963 तक पहुंच गई है। इसमें महिला रोगियों की संख्या 462 व पुरूषों की 501 है। कुल 66 हजार 124 लोगों की काउंसिलिग व 65 हजार 483 लोगों की जांच के बाद इतने लोगों को पीड़ित पाया गया। बाक्स.कौन वर्ष मिले कितने पीड़ित

मेदिनीनगर : विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो 4765 लोगों की जांच हुई तो 18 पीड़ित मिले। इसी तरह 2011 में 3402 लोगो की जांच हुई तो 55 पीड़ित मिले। 2012 में 77, 2013 में 69, 2014 में 106, 2015 में 137, 2016 में 80, 2017 में 102, 2018 में 53, 2019 में 50 व 2020 में 34 नए पीड़ित मिले हैं।

बाक्स.पलामू में 18 एचआइवी पीड़िता गर्भवती महिलाओं का हुआ सुरक्षित प्रसव

मेदिनीनगर : जिले भर में महज इस वर्ष 4 महिलाएं एचआइवी की गिरफ्त में आई हैं। इसके साथ पलामू में महिला एचआइवी पीड़ितों की संख्या 458 पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार अब तक गर्भवती 38 एचएचआइ पीड़ितों का सुरक्षित प्रसव कराया गया। बेहतर नतीजा निकला कि एक छोड़ 30 शिशु संक्रमणमुक्त है। हालांकि पांच लोगों की रिपोर्ट अब भी पेंडिग है। आइसीटीसी के परामर्शदाता चंदन कुमार ने बताया कि एचआइवी की जांच कराने के लिए लोग आगे रहे हैं। बताया कि कई हताश व निराश लोग खुदकुशी तक करने की ठान चुके होते हैं। ऐसे लोग भी आइसीटीसी पहुंचने के बाद नया जीवन जी रहे हैं। गर्भवती महिलाओं में कई का सुरक्षित प्रसव कराते हुए बच्चे को संक्रमित होने से बचा लिया गया है। बाक्स..ज्यादा जांच होने के बावजूद एचआइवी पीड़ितों की संख्या कम रहना सुखद है। इससे यह प्रतीत होता है कि पलामू की जनता में जागरूकता फैली है। लोग अन्य लोगों को जागरूकता फैलाएं। पलामू के लोग जागरूक होकर इसपर अमल कर रहे हैं। सुरक्षा ही एचआईवी का बचाव है।

डा. अनिल कुमार सिंह, सिविल सर्जन, पलामू।

chat bot
आपका साथी