बदहाल मैदान में खेल रहे हैं युवा खिलाड़ी

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By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 07:06 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 07:06 PM (IST)
बदहाल मैदान में खेल रहे हैं युवा खिलाड़ी
बदहाल मैदान में खेल रहे हैं युवा खिलाड़ी

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पलामू की युवा खेल प्रतिभाएं तोड़ रही है दम, नहीं मिल रही है सुविधा

फोटो: 21 डालपी 04 कैप्सन: जिला स्कूल के बदहाल मैदान में खेलते बच्चे। मो. मुर्तुजा , मेदिनीनगर (पलामू) : राजनेता हों या अधिकारी। खेल समारोह में सब एक ही बात कहते हैं कि खेल से शारीरिक व मानसिक विकास होता है। युवाओं को यही नसीहत दी जाती है कि वे खेल के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। बहुत संभावनाएं हैं। बावजूद खेल स्टेडियम या संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में ईमानदार पहल नहीं करते। हाल है कि पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में आज एक भी सुसज्जित खेल स्टेडियम नहीं है। संसाधन के अभाव में पलामू की युवा प्रतिभा दम तोड़ती दिख रही है। मेदिनीनगर में कई मैदान है जहां युवा क्रिकेट, फुटबाल, वालीबाल आदि खेलते थे। बिडंबना है कि अब वहां की स्थिति बदल गई है। स्थानीय कोयल नदी किनारे स्थित शिवाजी मैदान वाहन पड़ाव में तब्दील हो चुका है। स्टेशन रोड स्थित गांधी मैदान कूड़ाखाना बन गया है। दो दशक पूर्व जनसहयोग से बने पुलिस स्टेडियम में खिलाड़ियों के प्रवेश पर अघोषित प्रतिबंध लगा है। स्थानीय जीएलए कालेज की जमीन पर 99 लाख का बना स्टेडियम अधूरा पड़ा है। हालांकि फिलहाल उसमें निर्माण कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि तीन माह के भीतर हैंडओवर करने की तैयारी है। जिला स्कूल के मैदान को मिनी स्टेडियम बनाने की दिशा में पहल हुई भी तो इनमें नाकामी ही हाथ लगी। कारण की जिला स्कूल के प्राचार्य ने इसके लिए एनओसी नहीं दी। दलील दी गई कि जिला स्कूल का चयन स्मार्ट स्कूल के रूप में हुआ है। भविष्य में जमीन की जरूरत पड़ेगी। नतीजा एनओसी नहीं दिया जा सकता है। झारखंड राज्य गठन के 20 वर्ष बाद भी पलामू में एक खेल का मैदान नहीं होना सरकार, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के समक्ष बड़ा सवाल खड़ा करता है। सुसज्जित खेल मैदान के अभाव में युवा प्रतिभा कुंठित हो रही है। युवक बदहाल मैदान में अपनी प्रतिभा को तराश रहे हैं और अधिकारी-जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने बैठे हैं। बाक्स: खेल संगठन दिख रहा बेबस जिले के सभी खेल के लिए अलग-अलग संगठन हैं। सीमित संसाधन के कारण कुछ संगठन सक्रिय तो कई हिम्मत हार चुके हैं। पलामू में स्टेडियम व अन्य संसाधनों की कमी के लिए कोई संगठन आवाज बुलंद करना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। बाक्स: जिला स्कूल मैदान को मिनी स्टेडियम बनाने की तैयारी थी। जिला स्कूल प्रबंधन से एनओसी मांगा गया। बावजूद एनओसी नहीं मिला। दूसरे मैदान का चयन किया गया है। जीएलए कालेज के अधूरे स्टेडियम को पूर्ण कराया जा रहा है। संवेदक ने हैंडओवर के लिए तीन माह का समय मांगा है। उमेश लोहरा, जिला खेल पदाधिकारी, पलामू।

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