बंदुआ पंचायत में जरूरतमंदों को नहीं मिला आवास

लोगो गांव की सरकारग्राउंड रिपोर्ट. पंचायत में नहीं हुआ अपेक्षित विकास जर्जर सड़क पर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:49 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:49 PM (IST)
बंदुआ पंचायत में जरूरतमंदों को नहीं मिला आवास
बंदुआ पंचायत में जरूरतमंदों को नहीं मिला आवास

लोगो गांव की सरकार,ग्राउंड रिपोर्ट.

पंचायत में नहीं हुआ अपेक्षित विकास, जर्जर सड़क पर चलने की है मजबूरी फोटो: 23 डीजीजे 03,04 व 05 र्कैप्शन: चैनपुर का बंदुआ पंचायत,खराब पड़ी स्ट्रीट लाईट व जर्जर सड़क

अरविद तिवारी,

चैनपुर (पलामू): चैनपुर प्रखंड मुख्यालय से 5 किमी दूर अवस्थित बंदुआ पंचायत। पंचायत क्षेत्र के कुदागा गांव का आदिवासी बहुल करीब 500 की आबादी का एक गुरहा टोला। गांव को मुख्य पथ से जोड़ने वाली सड़क जीर्ण शीर्ण व जर्जर है। पथ पर बिछे छोटे बड़े पत्थर सावधानी हटी दुर्घटना घटी को चरितार्थ करते नजर आ रहे हैं। वाहन चलाते समय थोड़ी सी चूक हुई तो हाथ पैर तुड़वाए बिना वापस लौटना मुश्किल है। सड़क किनारे धर्मदेव उरांव,विष्णु देव उरांव, जीतू उरांव आदि बैठे दुनियादारी की चर्चा में लीन हैं। पूछने पर बताते हैं कि पंचायत चुनाव के बाद एक बार भी मुखिया उनके टोला पर नहीं आईं हैं, अलबत्ता मुखिया पति दो बार जरूर आए हैं। उन्होंने बताया कि उनके टोला पर लगे सभी स्ट्रीट लाइट कब से खराब पड़े हैं। पेयजल की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। वहां से निकलने पर बंदुआ गांव निवासी अनुसूचित जाति के प्रभु मोची, पांडूक मोची, परदेसी मोची, आदि मिलते हैं। तीनों बताते हैं कि गरीब को कौन पूछता है बाबू। उनके पास रहने के लिए घर नहीं है। बावजूद उनको पीएम आवास नहीं मिला। इस टोला पर अनुसूचित जाति के कई लोगों को आवास नहीं मिला है। गांव के दिलीप पांडेय ने बताया कि बंदुआ स्कूल व निमिया टोला स्कूल पर लगे जल मीनार का सोलर प्लेट की चोरी हो गई। इस कारण पेयजल सुविधा नहीं मिल रही है। काराकाट गांव के गिरवर मांझी, पालो देवी व भगत भुइयां की व्यथा है कि जरूरतमंद होने के बावजूद उन्हें पीएम आवास नहीं मिला है। भ्रमण के क्रम में मुखिया पति दिनेश राम से मुलाकात हुई। वह बताते हैं इएससीसी डाटा में एंट्री नहीं होने के कारण कई जरूरतमंद भी पीएम आवास से वंचित रह गए हैं। कुल मिलाकर पंचायत के चार गांवों में खोहरी, काराकाट,बंदुआ व कुदागा में पिछले 5 सालों में पंचायत का अपेक्षित विकास नहीं हुआ है। पंचायत में विकास की योजनाएं तो चलीं। सड़कें बनीं, जल मीनार लगे। स्ट्रीट लाइट भी लगाया गया पर इसका पर्याप्त लाभ पंचायत वासियों को नहीं मिल सका है। शौचालयों की स्थिति बदतर है। अधिकांश शौचालय उपयोगहीन हैं। वर्तमान में मुखिया अनुसूचित जाति महिला आरक्षित सीट है। इस बार के पंचायत चुनाव के लिए यह अनुसूचित जाति अन्य के लिए आरक्षित हो गया है। जल नल की मात्र 4 योजनाएं ही धरातल पर उतरी है। बावजूद इसका लाभ पंचायत वासियों को नहीं मिल पाया।

वे 65 वर्ष के हैं फिर भी उनका वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है। मुखिया सिर्फ आश्वासन देती रहीं हैं। वे इस उम्र में कोई काम भी नहीं कर सकते। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थित खराब हो चुकी हैं। अब वे कर भी क्या सकते हैं।

रामप्यारी उरांव,बंदुआ। बाक्स: बंदुआ पंचायत में 150 स्ट्रीट लाइट व 16 जलमीनार लगाए गए हैं। 17 पीसीसी पथ बने हैं। जल-नल की चार योजनाओं से 80 घरों को पानी दिलाया है। उनके कार्यकाल में पंचायत में कई विकास कार्य हुए। इसमें पंचायत सचिवालय निर्माण,बंदुआ गांव के धावा टांड़ टोला में पथ निर्माण आदि शामिल है।

रूपा देवी, मुखिया, बंदुआ।

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