घासीदाग पंचायत में एक भी पक्की सड़क नहीं

लीड--------- लोगो के साथ पंचायत के पांच गांवों में आने-जाने के लिए हैं कच्ची सड़के नदी प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:45 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:45 PM (IST)
घासीदाग पंचायत में एक भी पक्की सड़क नहीं
घासीदाग पंचायत में एक भी पक्की सड़क नहीं

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लोगो के साथ

पंचायत के पांच गांवों में आने-जाने के लिए हैं कच्ची सड़के, नदी पर पुल तक नहीं

रघुवीर पांडेय, विश्रामपुर (पलामू) : 32 वर्षों बाद 2010 में पंचायत चुनाव हुआ। गांव की सरकार बनी। लोगों का मानना था कि गांव की सरकार स्थानीय समस्याओं को जरूरतों के अनुरूप दूर करेगी। गांव समृद्ध होगा। बावजूद ग्रामीणों का यह सपना अब तक पूरा नहीं हो सका।घासीदाग पंचायत आजादी के 74 साल बाद भी विकास की बाट जोह रहा है। गांव तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है। घासीदाग पंचायत में पांच गांव है। इनमें घासीदाग, राजखाड़, जमारी, कौड़िया व झांटिनाथ गांव शामिल है। पंचायत की आबादी लगभग 4800 है। पंचायत क्षेत्र का सभी गांव आदिवासी व दलित बाहुल्य है। पंचायत क्षेत्र के किसी भी गांव पक्की सड़क नहीं है। कच्ची व कीचड़ से सनी सड़क व बरसात में पगडंडी ही एक मात्र सहारा है। यहां की धुरिया नदी में अब तक पुल नहीं बना है। एक बड़ा जीवंत नाला। इसे आज तक पुलिया का रूप नहीं दिया गया। घासीदास पंचायत विश्रामपुर प्रखंड मुख्यालय से 24 किमी दूर है। स्थानीय लोग पंचायत की मुखिया संगीता देवी से बरसों से मांग करते आ रहे हैं कि विश्रामपुर से सीधा रास्ता बनाया जाए। इसे प्रखंड मुख्यालय की दुरी 24 से से घट कर 14 किमी हो जाएगी। बाक्स : पंचायत क्षेत्र में नहीं समुचित पेयजल की सुविधा घासीदाग पंचायत पहाड़ की तलहटी में बसा व तीनों ओर पहाड़ियों से घिरा है। गांव में पेयजल की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। इस कारण लोग नदी व कुआं का पानी पीते है। मुखिया ने 14वें वित्त अनुदान मद से कई जल मीनार लगाए। इनमें आधे से अधिक खराब पड़े हैं। गांव की लोग बताते हैं कि मुखिया विशेष लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए चिन्हित जगह पर जल मीनार लगा है। पेयजल के लिए कुंआ व चुआड़ी का पानी ग्रामीण पीते हैं। इससे बीमार होते रहते हैं। बॉक्स : घर से काफी दूर शौचालय बनाकर राशि का किया गया दुरुपयोग

स्वच्छ भारत अभियान व मनरेगा से पंचायत क्षेत्र में शौचालय 813 बनवाए गए। यह आंकड़ा सरकारी रिकॉर्ड में अंकित है। जमीनी हकीक कुछ और है। पंचायत क्षेत्र में शौचालय निर्माण कार्य में राशि की बंदरबांट की गई। शौचालय घर से काफी दूर खेतों में बनवाए गए। यह जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़े हैं। बाक्स : नदी पर पुल नहीं होने से लोगों को सदैव होती है परेशानी घासीदाग पंचायत के समिति सदस्य सह उपप्रमुख ज्ञानचंद राम ने बताया कि यहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है। सड़क नहीं रहने के कारण पंचायत क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। राजगढ़ गांव स्थित धुरिया नदी पर नहीं बना है। पानी के तेज बहाव के कारण रात में इलाज को रोगी को कहीं नहीं ले सकते हैं। इलाज के अभाव में सुषमा देवी पूरी रात तड़पती रही और दुसरे दिन उसे डोली के सहारे धुरिया नदी पार कर इलाज को ले जाया गया। गांव के छोटे-छोटे बच्चों को नदी पार कर विद्यालय तक पहुंचने में काफी परेशानी होती है।

बॉक्स : पंचायत क्षेत्र कि विकास के लिए हर संभव कोशिश की गई है। पंचायत को प्राप्त 14 में मद की राशि से गांव में पीसीसी सड़क व नाले पर पुलिया का निर्माण कराया गया है। पेयजल के लिए सोलर आधारित जल मीनार आदि लगाए गए है। गांव के हर घर में शौचालय बनाया गया है। गांव की सबसे बड़ी समस्या सड़क व बिजली की है। इसके लिए जिला प्रशासन से मांग की है।

संगीता देवी, मुखिया, घासीदास, विश्रामपुर।

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