पहले प्रयास में ही अविनाश को मिली सफलता

लीड---------- अविनाश के जज्बे को देखते हुए नाना ने पढ़ाई के लिए भेजा था दिल्ली 2015 में पिता

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:57 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:57 PM (IST)
पहले प्रयास में ही अविनाश को मिली सफलता
पहले प्रयास में ही अविनाश को मिली सफलता

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अविनाश के जज्बे को देखते हुए नाना ने पढ़ाई के लिए भेजा था दिल्ली

2015 में पिता की हो गई थी मौत, घर पर रहती है मां, भाई गांव में चलाता है किराना दुकान,

आर्थिक चुनौतियों का भी किया सामने, पैसे के लिए नहीं बनाया दबाव

मुर्तजा,

मेदिनीनगर (पलामू) : मन में लगन व कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं होता। जीवन में सफलता मिलती है। मेदिनीनगर के आबादगंज एसपी कोठी रोड निवासी स्व गुलाबचंद प्रसाद व प्रमिला देवी के पुत्र अविनाश कुमार ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सर्विसेज परीक्षा में अविनाश ने 190वां रैंक प्राप्त हुआ है। पहली प्रयास में ही उसकी सफलता पर परिवार, रिश्तेदार, समाज और पूरा जिला गर्व महसूस कर रहा है। उनके घर पर लोगों का आना-जाना और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। अविनाश की मां प्रमिला ने बताया कि अविनाश फिलहाल दिल्ली में हैं। लेकिन खुशखबरी सुनकर गर्व का अहसास हो रहा। बताया कि अविनाश बचपन से ही पढ़ाई के प्रति गंभीर था। पिता चाहते थे कि अविनाश पुलिस पदाधिकारी बनें। लेकिन दुर्भाग्य से 2014 में उनकी मौत हो गई। खैर, अविनाश ने पढ़ाई जारी रखा। उसकी ललक को देखकर बरवाडीह थाना क्षेत्र के खुरा निवासी नाना बैजनाथ प्रसाद ने अविनाश को पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजा था। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अविनाश ने परिवार के ऊपर कभी पैसे के लिए दबाव नहीं बनाया। आर्थिक तंगी को चुनौती देते हुए आज सफलता अर्जित की है तो हर ओर से बधाइयां मिल रही हैं। अगर अविनाश के पिता जिदा होते बेहद खुद होते आज बेहद खुश होते। बताया कि अविनाश का छोटा भाई अभिषेक कुमार लामी पथरा स्थित पैतृक गांव में किराना का दुकान चलाता है। बाक्स..पूरी रात पढ़ाई और दिन में पार्ट टाइम करते थे नौकरी

मेदिनीनगर : सफलता के पीछे का संघर्ष हरेक लोगों को नहीं दिखता। अविनाश की भी कुछ यही कहानी है। वे बताते हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण दिन में पार्ट टाइम नौकरी करते थे और पूरी रात पढ़ाई में मशगूल रहते। लंबे समय तक रिश्तेदार के घर आना-जाना तो दूर बातचीत भी नहीं हो सकी। व्यस्तता के कारण दोस्तों के बीच भी दूरियां बढ़ गईं। सफलता का श्रेय उन्होंने अपनी मां को दिया। बाक्स..जीएलए कालेज से पूरी की स्नातक की पढ़ाई

अविनाश कुमार ने रजवाडीह स्थित जीजीपीएस स्कूल से मैट्रिक, बरवाडीह स्थित मेदिनी राय इंटर कालेज से आइएससी और जीएलए कालेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 2018 में अंग्रेजी आनर्स से स्नातक उत्तीर्ण करने के बाद वे दिल्ली चले गए। वहीं रहकर परीक्षा की तैयारी की और सफलता मिली।

बाक्स..जैसा भी माहौल हो हार नहीं मानें : अविनाश

मेदिनीनगर : अविनाश कुमार ने तैयार कर रहे अन्य विद्यार्थियों को सलाह दी है। कहा है कहा है कि ²ढ़ इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने का जज्बा के साथ निर्धारित मंजिल को हासिल करने के लिए संघर्ष करें। जैसा भी माहौल हो हार नहीं मानें। ईमानदारीपूर्वक प्रयास लगातार जारी रखें। टिप्स यह है कि खुद को जज करें। चुनौती के लिए खुद को तैयार करें।

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