अतिक्रमण से खूंटी सोत नदी का अस्तित्व खतरे में

सिमटने लगी है 40 किमी लंबी व 5 मीटर चौड़ी यह नदी हर तरफ है अतिक्रमण फोटो 27 डीजीजे 0

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:30 PM (IST)
अतिक्रमण से खूंटी सोत नदी का अस्तित्व खतरे में
अतिक्रमण से खूंटी सोत नदी का अस्तित्व खतरे में

सिमटने लगी है 40 किमी लंबी व 5 मीटर चौड़ी यह नदी, हर तरफ है अतिक्रमण

फोटो: 27 डीजीजे 01 व 02 कैप्शन: नावाबाजार अंतर्गत खूटी सोत नदी का हाल बेहाल व बना चेक डैम बबलू प्रसाद गुप्ता,नावाबाजार (पलामू) : पलामू जिला से महज 32 किलोमीटर दूर अवस्थित नावाबाजार प्रखंड क्षेत्र से खूंटी सोत नदी का अस्तित्व खतरे में है। इस नदी का उद्गम स्थल छतरपुर प्रखंड है। यह नावा बाजार प्रखंड के सिवाना से होकर विश्रामपुर प्रखंड व उंटारी रोड प्रखंड तक बहती है। 40 किलोमीटर लंबी व 5 मीटर चौड़ी यह नदी उंटारी रोड प्रखंड में कोयल नदी में जाकर मिलती है। यह नदी सैकड़ों वर्ष से चारों प्रखंडों की लाइफ लाईन के रूप में जानी जाती है। बावजूद पिछले एक दशक से यह नदी विलुप्त होती जा रही है। नदी का अधिकांश भाग पर ग्रामीणों ने अतिक्रमण कर लिया है। नावा बाजार प्रखंड में खूटी सोत नदी में चेक डैम के नाम पर सात जगह एक करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कराया गया। बावजूद किसी चेकडैम में फाटक नहीं लगाया गया। इससे बरसात का पानी नहीं रोका जा सका है। गर्मी में यह नदी पूरी तरह सूख जाती है। लोग इसे अतिक्रमित करते जा रहे हैं। अब यह नदी सिर्फ वर्षा ऋतु में हल्के रूप में नजर आती है। नदी का जलस्तर बिल्कुल खत्म हो चुका है। बाक्स: फोटो : 27 डीजीजे 03

कैप्शन: सफीर आलम खूंटीसोत नदी वर्षों से बह रही है। 40 किलोमीटर लंबी व 5 मीटर चौड़ी है। आज की वस्तुस्थिति इस नदी का अस्तित्व खत्म होते दिख रहा है। ।अभी नदी की चौड़ाई 1 मीटर से भी कम रह गई है। कई लोगों ने नदी पर अतिक्रमण कर नदी का अस्तित्व खत्म कर रहे हैं। जरूरत है नदी को अतिक्रमण से मुक्त कराने की।

सफिर आलम,समाजसेवी,

इटको पंचायत, नावाबाजार,पलामू। बाक्स:. 27 डीजीजे 04

कैप्शन: राजदेव यादव खुंटी सोत नदी में सालों भर पानी बहता था। सभी धार्मिक अनुष्ठान इसी नदी पर संपन्न होते थे। आज इस नदी में धार्मिक अनुष्ठान तो ना के बराबर हो रहे हैं। इस नदी में मवेशी को पीने के लिए पानी भी मिलना मुश्किल हो गया है। प्रखंड व जिला प्रशासन इस नदी को अतिक्रमण मुक्त कराए।

राजदेव यादव,

नावाबाजार,पलामू।

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