गुरु पूर्णिमा पर विशेष-गुरु के अपमान से साम्राज्य भी हो जाता है स्वाहा : स्वामी गोविदाचार्य

बाटम फोटो जगतगुरु गोविदाचार्य स्वामी फाईल फोटो हिमांशु तिवारी हैदरनगर (पलामू)-

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:09 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:09 PM (IST)
गुरु पूर्णिमा पर विशेष-गुरु के अपमान से साम्राज्य भी हो जाता है स्वाहा : स्वामी गोविदाचार्य
गुरु पूर्णिमा पर विशेष-गुरु के अपमान से साम्राज्य भी हो जाता है स्वाहा : स्वामी गोविदाचार्य

बाटम फोटो: जगतगुरु गोविदाचार्य स्वामी फाईल फोटो हिमांशु तिवारी , हैदरनगर (पलामू):-गुरुपूर्णिमा पूरे देश में शनिवार को मनाया जाएगा। गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए झारखंड पीठाधीश्वर जगतगुरू रामानुजाचार्य गोविदाचार्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि हर किसी के जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है। मनुष्य को गुरु का महत्व समझना चाहिए। जीवन पर्यंत उनका सम्मान करना चाहिए। उनके आशीर्वाद के बैगर मनुष्य अधूरे है। उनके द्वारा दी गयी शिक्षा मनुष्य को जीवन भर काम आती है। उनके आशीर्वाद से कीमती चीज उनके शिष्य के लिए और कुछ नहीं हो सकती है। गुरु के प्रति हमेशा शिष्य के मन में श्रद्धा होनी चाहिए। शिष्य अपने कार्य के बारीकियों को भली भांति सीख सकते है। गुरु अर्थात सत्य ज्ञान, उस ज्ञान की महिमा क्या करे जिसका संपूर्ण स्वरूप हम एक जीवन में जान ही नहीं सकते। उनके आशीष वचन से जीवन तर जाते है। गुरु के तिरस्कार से साम्राज्य भी स्वाहा हो जाते है। चाणक्य का अपमान करने से घनानंद को खामियाजा भुगतना पड़ा। जीवन के व्यवहारिक ज्ञान की पहचान गुरु ही अपने शिष्य को कराता है। जीवन की विभिन्न परिस्थतियों में जीने की कला हम गुरु से ही सीखते हैं । मनुष्य के लिए भगवान से भी बढ़कर गुरु को माना जाता है। भगवान हमें जीवन प्रदान करता है तो गुरु हमें शिक्षा देकर इस जीवन को सही ढंग से जीना सिखाते हैं। गुरु का मार्ग दर्शन करके चलता है उसे जीवन में कभी ठोकर नहीं खानी पड़ती है। मनुष्य के लिए भगवान से भी बढ़कर गुरु को माना जाता है।

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