डीडीसी ने हुसैनाबाद बीडीओ से मांगा स्पष्टीकरण

विधायक कमलेश सिंह ने की थी शिकायत 24 घंटे के अंदर मांगी रिपोर्ट मामला मनरेगा से कूप

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 05:27 PM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 05:27 PM (IST)
डीडीसी ने हुसैनाबाद बीडीओ से मांगा स्पष्टीकरण
डीडीसी ने हुसैनाबाद बीडीओ से मांगा स्पष्टीकरण

विधायक कमलेश सिंह ने की थी शिकायत, 24 घंटे के अंदर मांगी रिपोर्ट

मामला: मनरेगा से कूप निर्माण में अनियमितता बरतने जाने का संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : उप विकास आयुक्त ने मनरेगा के तहत नियमों के विरुद्ध कूप निर्माण योजना के क्रियान्वयन को लेकर हुसैनाबाद के प्रखंड विकास पदाधिकारी से छह बिदुओं पर स्पष्टीकरण तलब किया है। जानकारी के अनुसार प्रखंड के ग्रामीणों ने विधायक कमलेश कुमार सिंह से मनरेगा की योजनाओं में अनियमितता की लिखित शिकायत की थी। विधायक ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल उप विकास आयुक्त पलामू को पत्र लिखकर सिचाई कूप मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर नियमसंगत कार्रवाई करने को कहा था। विधायक के पत्र के आलोक में पलामू के उप विकास आयुक्त ने अपने पत्रांक 477 दिनांक 22-06-2021 के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारी हुसैनाबाद से छह बिदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। पूछा गया कि किस परिस्थिति में बरसात के मौसम में भी कूप की पुरानी लंबित योजना रहने के बावजूद नई योजनाएं आरंभ कर दी गई। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा बरसात के आगमन पर भी नई सिचाई कूप की योजना का संचालन कैसे आरंभ किया गया। इन योजनाओं की समीक्षा कर बीडीओ के द्वारा किए गए कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। स्पष्टीकरण में कहा गया है कि सिचाई कूप निर्माण योजना में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत से प्रतित होता है कि बीडीओ स्तर से मनरेगा योजनाओं का निरीक्षण, पर्यवेक्षण व समीक्षा नहीं की जाती है। इस कारण बीपीओ, पंचायत सचिव व मुखिया द्वारा मनमानी एवं स्वेक्षाचारिता करते हुए बरसात के आगमन पर भी नई योजनाएं संचालित कर दी जा रही है। जिससे कूप धंसने व श्रमिकों के हताहत होने की संभावना बनी रहती है। पथरा पंचायत में बरती गई अनियमितता के मामले में निर्गत बीडीओ द्वारा कृत कार्रवाई यथावत है। इसी तरह पंचायत डंडीला व झरगड़ा में सामाजिक अंकेक्षण में उभरे अनियमितता के मामले में भी बीडीओ द्वारा किसी प्रकार की विधि सम्मत कार्रवाई नहीं किया जाना लापरवाही व उदासीनता का परिचायक है। साथ ही उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना को भी दर्शाता है। डीडीसी ने दोषी कर्मी को चिन्हित करते हुए कृत कार्रवाई से संबंधित प्रतिवेदन 24 घंटे के अंदर प्रस्तुत करने को कहा है। उक्त कार्रवाई नहीं किए जाने पर बीडीओ के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार को संसूचित कर दी जाएगी।

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