राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य आरंभ नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण
संवेदक कर सकता है दर संशोधन की मांग अधर में लटक जाएगी योजना राजमार्ग मंत्रालय के राष्ट्र
संवेदक कर सकता है दर संशोधन की मांग, अधर में लटक जाएगी योजना
राजमार्ग मंत्रालय के राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सलाहकार सदस्य ने जताई चिंता
फोटो 17 डालपी 12
कैप्शन: संवाददाताओं से बात करते सहालकार
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : पलामू जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-98 व 75 के सु²ढ़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के इस महत्वपूर्ण परियोजना का काम अधर में लटक सकता है। यह पलामू के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। इस मामले में जिला भू अर्जन कार्यालय की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। उक्त बातें केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सलाहकार सदस्य रवींद्र तिवारी ने कही। वे गुरूवार को परिसदन में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। बताया कि पिछली समीक्षा बैठक में सड़क राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को स्वीकृत योजना के भूमि उपलब्ध कराने को कहा था। लेकिन निर्धारित तिथि के बाद भी अभी तक एनएच-98 के एक भी लाभुकों को मुआवजा नहीं दिया गया। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर स्थिति की जानकारी दी गई थी। लेकिन पलामू उपायुक्त द्वारा इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाकर विषय को उलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया। बताया कि 17 मई तक 80 प्रतिशत भूमि उपलब्ध नहीं कराने पर संवेदक नये सिरे से दर संशोधन के लिये विभाग को विवश कर सकता है। इस स्थिति में विभाग को या तो उसकी मांगों को मानना होगा या एकरारनामा रद्द करना होगा। इसका खामियाजा पलामू की जनता को भुगतान होगा। सड़क सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि दो वर्ष पूर्व केंद्र सरकार की सड़क दुर्घटना में मृतक के स्वजनों को दो लाख रूपये देने की घोषणा की थी। लेकिन पलामू में तीन माह में आठ लोगों की मौत के बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। इतना ही नहीं बीमा कंपनी द्वारा दिए गए मुआवजा का आकड़ा जिला परिवहन विभाग के पास नहीं है।