बरगद लगाएं. मिलेगा भरपूर आक्सीजन
पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए हैं प्राणवायु की तरह इसे करें पौधारोपण बरगद के पेड़ों स
पेड़-पौधे हमारे जीवन के लिए हैं प्राणवायु की तरह, इसे करें पौधारोपण
बरगद के पेड़ों से मिलता है सबसे अधिक आक्सीजन, इसलिए करें संरक्षण
संवाद सूत्र,मेदिनीनगर (पलामू) : पर्यावरण को संतुलित बनाएं रखने में पेड़ महत्वपूर्ण स्रोत हैं। पेड़ मनुष्य, जीव-जंतु के जीवन का आधार है। बरगद पेड़ इनमें से एक है। यह पेड़ धार्मिक, आध्यात्मिक व वैज्ञानिक ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यह आक्सीजन का खजाना है। इस लिए धर्म-ग्रंथों में भी बरगद पेड़ का विशेष वर्णन किया गया है। 10 जून को वटसावित्री पूजा है। इस दिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए बरगद पेड़ की पूजा करेंगी। बरगद का पेड़ अत्यधिक आक्सीजन प्रदान करता है।
बाक्स: प्रतिक्रिया फोटो: 09 डीजीजे 21
कैप्शन: राखी सोनी आम तौर पर बरगद के पेड़ भारत के राष्ट्रीय वृक्ष में माना जाता है। इसे हिदू धर्म में तीसरे सबसे बड़े महत्वपूर्ण पौधे के रूप में श्रेय दिया गया है। बरगद के पेड़ की उम्र हजार साल के करीब होती है। यह आस पास के जगहों में फैलता है। इसलिए प्राचीन काल से महिलाएं वट वृक्ष का पूजनकर अपने पति की लंबी आयु, सुख, समृद्धि व अखंड सौभाग्य के की कामना करती आ रही हैं। इस पेड़ की खासियत है कि यह भरपूर मात्रा में आक्सजीन देता है। भगवत गीता का वर्णन करते समय भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि बरगद के पेड़ की पत्तियों में वैदिक मंत्र होते है।
राखी सोनी,मेदिनीनगर, पलामू। बाक्स: फोटो 09 डीजीजे 22
कैप्शन: प्रियंवदा मिश्रा बरगद का वृक्ष त्रिमूर्ति का प्रतीक माना गया है। इसकी छाल में विष्णु ,चरण में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव का वास माना जाता है। ऐसा कहना है प्रियंवदा मिश्रा का। आध्यात्मिक और पौराणिक ²ष्टिकोण से वट वृक्ष पूजा के पीछे कई मान्यताओं को देखा और सुना जा सकता है। बरगद पेड़ की पूजा से सुहागिन महिलाओं की अखंड सौभाग्य की कामना पूरी होती है। यह लंबी आयु, सुख, समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह और संताप मिटाने वाली होती है। बरगद के पेड़ का न केवल पर्यावरण संतुलन में योगदान है बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी है। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करने और आक्सीजन प्रदान करने की भी क्षमता बेजोड़ है कोरोना वैश्विक महामारी के कारण महिलाएं आज के समय में घरों से बाहर जाकर वट वृक्ष की पूजा करने में असमर्थ और मजबूर हैं। इसलिए ऐसी कामना है कि जल्द से जल्द यह कोरोनाकाल खत्म हो इसके साथ ही हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम वट वृक्ष को ज्यादा से ज्यादा लगाएं। प्रियंवदा मिश्रा
शिक्षिका
एमके डीएवी पब्लिक स्कूल, मेदिनीनगर।