जीवनदायिनी है बरगद का पेड़, इसके अनेक फायदे

बाटम धार्मिक ग्रंथों में भी बरगद पेड़ की है चर्चा बताए गए हैं महत्व संवाद सूत्र मेदिनीनगर (

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 07:28 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 07:28 PM (IST)
जीवनदायिनी है बरगद का पेड़, इसके अनेक फायदे
जीवनदायिनी है बरगद का पेड़, इसके अनेक फायदे

बाटम

धार्मिक ग्रंथों में भी बरगद पेड़ की है चर्चा, बताए गए हैं महत्व

संवाद सूत्र, मेदिनीनगर (पलामू):

बरगद का पेड़ जीवनदायिनी होता है। कई धार्मिक ग्रंथों में बरगद के गुणों का विशेष वर्णन है। इसके गुणों के कारण इसकी पूजा अर्चना होती है। 10 जून को वटसावित्री पूजा है। इस दिन पति की दीर्घायु होने के लिए महिलाएं बरगद के पेड़ का पूजा करती हैं। मान्यता है कि सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे ही यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लौटाए थे। अन्य धर्मों समेत बौद्ध धर्म में भी बरगद को पूज्य माना गया है।

बाक्स: बरगद पेड़ के फायदे

वनस्पतिशास्त्री बताते हैं कि अन्य पेड़ों की तुलना में बरगद का पेड़ 5 गुना अधिक ऑक्सीजन देता है। इसमें रात्रि में भी ऑक्सीजन देने की क्षमता है। इसकी जड़ पत्ते छाल के साथ ही साथ तने से निकलने वाली दूध का प्रयोग कई प्रकार की दवा निर्माण में होता है। विशाल वृक्ष होने के कारण इसकी आयु लंबी होती है।

बाक्स: फोटो 04 डीजीजे 10

कैप्शन: मिनाक्षी कर्ण बरगद का वृक्ष हमारे हिदू धर्म में बहुत ही पूजनीय है। इसका सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व भी है। यह लंबे समय तक जीवित रहता है, साथ ही ऑक्सीजन प्रदान करता है। इस वट सावित्री पूजा के दिन सुहागीन महिलाएं संकल्प ले कि हम वट वृक्ष अवश्य लगाएंगे ताकि कोरोना जैसी महामारी हमारे आसपास भी ना फटके।

मिनाक्षी कर्ण,

शिक्षिका,एमके डीएवी स्कूल,मेदिनीनगर।

बाक्स: फोटो 04 डीजीजे 11

कैप्शन: शर्मिला शुमि

वट सावित्री व्रत को लोग पति पत्नी के प्रेम से जोड़कर देखते हैं। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए इसे करती हैं। लेकिन सच में अगर देखा जाए तो प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देने वाला वटवृक्ष खुद सैकड़ों सालों तक धरती पर कायम रहता है और लोगों को प्राणवायु देता है। इसलिए भी लोग स्वस्थ व लंबे जीवन के लिए इसकी पूजा करते हैं। कोरोना काल में हम सभी ने ऑक्सीजन के लिए बहुत सी जिदगियों को तड़पते देखा। ऐसा दौर फिर कभी न आए इसलिए आइये हम सब संकल्प लें कि इस वट सावित्री पूजा और इस बरसात अधिक से अधिक पेड़ लगाएंगे। शर्मिला शुमि,

आकाशवाणी उदघोषिका, सह समाजसेविका, बेलवाटिका, मेदिनीनगर।

बाक्स: फोटो 04 डीजीजे 12

कैप्शन: संध्या शेखर

वट वृक्ष की विशेषताओं का कोई अंत नहीं। वट वृक्ष का पूजन लंबी आयु ,सुख समृद्धि व अखंड सौभाग्य के लिए प्राचीन काल से स्त्रियां करती आ रही हैं। भगवान बुद्ध को इसके नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

इसका कारण है कि अन्य वृक्षों की अपेक्षा यह विशालतम वृक्ष घनी, ठंडी छांव के साथ साथ ऑक्सीजन भी भरपूर मात्रा में देता है। हम संकल्प लें कि इसकी सुरक्षा और वृद्धि के लिए सभी वचनबद्ध रहें। हमारी पूजन विधि से इसकी पत्तियों व डालों को नुकसान नहीं होने दें।

संध्या शेखर, सदस्य ,कपड़ा बैंक, मेदिनीनगर।

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