नावा बाजार में दो नए अस्पतालों में लटक रहा ताला

ली़ड-------------- जागरण पड़ताल 7.12 करोड़ की लागत से बना है भवन डेढ़ वर्ष पूर्व हो चु

By JagranEdited By: Publish:Mon, 31 May 2021 06:19 PM (IST) Updated:Mon, 31 May 2021 06:19 PM (IST)
नावा बाजार में दो नए अस्पतालों में लटक रहा ताला
नावा बाजार में दो नए अस्पतालों में लटक रहा ताला

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जागरण पड़ताल 7.12 करोड़ की लागत से बना है भवन, डेढ़ वर्ष पूर्व हो चुका है भवन का उद्घाटन फोटो: 31 डीजीजे 06 व 07 कैप्शन: नावाबाजार व कंडा के नवनिर्मित अस्पताल में लटकता ताला बबलू गुप्ता

नावाबाजार (पलामू) : पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से 32 किलोमीटर दूर एनएच 98 पर स्थित नावाबाजार प्रखंड मुख्यालय व कंडा में 7.12 करोड़ की लागत से बने दो नवनिर्मित अस्पताल भवन में डेढ़ साल से ताला लटक रहा है। एक अस्पताल के निर्माण पर 3 करोड़ 56 लाख की लागत आई है। बावजूद इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। कोरोना काल में भी लोगों को इस अस्पताल का लाभ नहीं मिल सका।

इधर आम नागरिकों को इलाज के लिए मेदिनीनगर जाना पड़ता है। नावाबाजार प्रखंड मुख्याल व इसी प्रखंड के कंडा में अस्पताल के बने आलीशान भवन स्वास्थ्य सुविधा विहीन है। अपने निर्माण काल से अस्पताल बंद पड़े हैं। यह प्रखंड व गांव वासियों की बेबसी व बदकिस्मती की दास्तां बयां करने को काफी है। प्रखंड क्षेत्र में आदिम जनजाति व पिछड़ा वर्ग की काफी आबादी है। करीब 50 से 60 हजार की आबादी स्वास्थ्य के क्षेत्र में भगवान भरोसे है। इधर आए दिन एनएच 98 मेदिनीनगर-पटना मुख्य मार्ग पर सड़क दुर्घटनाएं होती रहती है। इन्हें तत्काल इलाज की सुविधा नहीं मिल पाती है। साथ ही प्रखंड मुख्यालय समेत गांव की गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए अपने निजी वाहन से मेदिनीनगर स्थित अस्पताल जाने को मजबूर हैं। यह परेशानी तब और बढ़ जाती है जब रात में प्रसुता को या बीमार लोगों को अस्पताल ले जाना पड़े। प्रखंड में एंबुलेंस व ममता वाहन की भी सुविधा नहीं है। प्रखंड क्षेत्र में 46 गांव के लिए 2 एएनएम कार्यरत हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग एएनएम भरोसे संचालित हो रहा है। मालूम हो कि झारखंड के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सह स्थानीय विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने नावाबाजार स्थित अस्पताल भवन का शिलान्यास 19 नवंबर 2017 को व उद्घाटन 11 सितंबर 2019 में किया था। इसके बाद आज तक अस्पताल में चिकित्सक व कर्मियों की नियुक्ति नहीं हुई। अस्पताल में चिकित्सा उपकरण भी नहीं हैं। भवन भी धीरे-धीरे खराब हो रहा है। बाक्स: 31 डालपी 09 कैप्शन: राजदेव यादव क्षेत्र में आदिम जनजाति व पिछड़ा वर्ग निवास करते हैं। प्रखंड की घनी आबादी है। बावजूद क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। इससे लोगों को छोटी से छोटी बीमारी के लिए मेदिनीनगर जाना पड़ता है । राजदेव यादव, नावाबाजार। बाक्स: 31 डालपी 10 कैप्शन:जमालउद्दीन खां कोविड-19 में प्रखंड क्षेत्र के नावाबाजार व कंडा अस्पताल को नहीं खोला गया। अस्पताल का भवन बन गया। अच्छा काम हुआ। अब स्वास्थ्य सेवा बहाल करने के लिए सरकार व स्वास्थ्य विभाग को अविलंब कदम उठना चाहिए। ताकि इसका लाभ मिल सके।

जमालउद्दीन खां,

नावाबाजार।

बाक्स :31 डालपी 12 कैप्शन: मनीष कुमार सिंह

नावाबाजार प्रखंड क्षेत्र की आबादी पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। यहां गरीब मजदूर लोग रहते हैं। बीमार होने पर मजबूरी में उन्हें जिला मुख्यालय मेदिनीनगर जाना पड़ता है। 3 करोड़ 56 लाख की लागत से बने अस्पताल की उपयोगिता शून्य साबित हो रही है। मनीष सिंह ,

कंडा,पलामू। बाक्स : 31 डालपी 13

कैप्शन: पंकज चंद्रवंशी

बड़ी उम्मीद से यहां अस्पताल का निर्माण हुआ है। अस्पताल बनने के समय क्षेत्रवासियों को खुशी व उत्साह का माहौल था कि महिलाओं को प्रसव के लिए अब दूर नहीं जाना होगा। बावजूद निराशा हाथ लगी है। इस अस्पताल को सरकार जल्द चालू कराए। पंकज चंद्रवंशी,

कंडा, पलामू।

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