पलामू में 40 फीसद किसान नहीं बेच सके धान

किसानों की पीड़ा जिले अनियमितता की भेंट चढ़ी धान क्रय प्रक्रिया घरों रखा धान हो रहा है बर्बा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 06:21 PM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 06:21 PM (IST)
पलामू में 40 फीसद किसान नहीं बेच सके धान
पलामू में 40 फीसद किसान नहीं बेच सके धान

किसानों की पीड़ा

जिले अनियमितता की भेंट चढ़ी धान क्रय प्रक्रिया, घरों रखा धान हो रहा है बर्बाद,

फोटो:25 डीजीजे 08

कैप्शन:- बिक्री के धान के साथ रबदा गांव के किसान संतोष दुबे

अरविद तिवारी,चैनपुर (पलामू): सरकार की उदासीनता व स्थानीय स्तर पर विभागीय दांवपेंच में पलामू के किसान फंसे रहे। इस कारण पलामू जिले के करीब 40 प्रतिशत किसान इस वर्ष धान नहीं बेच पाए हैं। 30 अप्रैल तक खरीदारी की अवधि समाप्त होने के बाद धान क्रय की समय सीमा नहीं बढ़ाई गई। नवंबर-दिसंबर में उपजी धान की फसल को किसान छह माह तक अपने घर में रखे हुए हैं। उम्मीद थी कि शायद उनकी फसल सरकारी मूल्य पर बिकेगी। फसल की अच्छी कीमत मिलेगी लेकिन उम्मीदों पर पानी फिर गया। किसानों के पास धान बेचने का मैसेज तो आया पर क्रय केंद्र पहुंचने के बाद उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। कारण कभी गोदाम फुल होना, बोरों की अनुपलब्धता या धान का उठाव नहीं होना बताया गया। पलामू के चैनपुर समेत सभी प्रखंड में 15 दिसंबर 2020 से भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से धान की खरीदारी शुरू की गई थी। यह 30 अप्रैल तक 4 माह 15 दिन चला। धान की क्रय प्रक्रिया कभी भी नियमित नहीं रही। शायद ही कोई सप्ताह ऐसा हो जिसमें खरीदारी सुचारू रूप से हुई हो। खरीद प्रक्रिया के दौरान प्रखंडों में बिचौलिए हावी रहे। धान बिक्री को ले किसान कई बार पलामू के उपायुक्त से लेकर संबंधित पदाधिकारियों से मिले। बावजूद धान खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पाई। चैनपुर प्रखंड के रबदा गांव के किसान संतोष दुबे ने बताया कि उनका आई डी 1972 है। उनके बाद आईडी वाले कई लोगों से धान ले लिया गया। वे भी धान बेचने का बहुत प्रयास किए बावजूद सफल नहीं हो पाए। थक हार कर अपना 100 क्विटल धान 13 प्रति क्विटल के भाव से बेच दिया। इसी गांव के अजीत तिवारी ने भी 50 क्विटल धान इसी दर पर बेचा। कई ऐसे किसान हैं जिनके पास कम दाम पर धान बेचने के अलावा कोई चारा नहीं बचा। केस स्टेडी: पांकी प्रखंड की महिला किसान मधु देवी का आईडी नंबर 22122020075056 समेत श्वेता कुमारी,सुरेंद्र सिंह, सत्येंद्र कुमार,अंबिका सिंह,अखिलेश्वर सिंह, रूप कमल,रौशन कुमार,देवनंदन यादव, देवंती देवी,पुष्पा कुवंर,पंकज कुमार कुशवाहा,मीना कुमारी, साकेत कुमार,अरमान अहमद आदि ने बताया कि इनके आईडी पर 17 मार्च व इसके बाद मैसेज आया। बावजूद अब तक धान की खरीदारी नहीं हुई।

बॉक्स: पांकी के विधायक ने डीसी को लिखा पत्र

पांकी: पलामू जिला के पांकी के विधायक डा कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने पलामू के उपायुक्त को पत्र लिखा। इसमें कहा कि धान क्रय केंद्र गोदाम प्रबंधक ने किसानों से धान क्रय में अनियमितता बरती है। जांचकर कार्रवाई की जाए। कहा है कि दर्जनों किसानों के पास फरवरी व मार्च 2021 में धान क्रय करने संबंधित मैसेज भेजा गया। बावजूद धान की खरीदारी नहीं की गई। कहा गया कि 14 अप्रैल के बाद धान का उठाव होगा पर अब तक उठाव नहीं हुआ। ऐसे में इस कोरोना महामारी में किसानों का धान घर में पड़ा है। उन्हें आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। इससे किसान आक्रोशित है।

मैसेज मिला लेकिन नहीं हुई धान की खरीद

मैसेज भेजने के 2 माह बाद भी किसानों से धान नहीं लिया गया। यह किसानों के साथ सरासर अन्याय है। धान बेचने में बिचौलिया गिरी हावी रही। एक- एक किसान तीन-तीन चार-चार आईडी पर धान बेचे हैं। यह जांच का विषय है।

भोला पांडेय,

सांसद प्रतिनिधि

चैनपुर पलामू।

बॉक्स: चैनपुर में धान की खरीदारी में अनियमितता बरती गई है। मैसेज भेज कर किसानों को बुलाया गया बावजूद उनसे धान नहीं लिया गया। फर्जी आईडी बनवाकर कई लोगों ने धान बिक्री किया है। शेष बचे किसानों से धान की खरीदारी होनी चाहिए।

शैलेन्द्र कुमार शैलू

जिप सदस्य चैनपुर पूर्वी

पलामू।

बॉक्स: मंत्री ने धान क्रय पर खड़े किए सवाल

मेदनीनगर, पलामू: सूबे के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी धान क्रय प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने भारतीय खाद्य निगम के ऊपर धान क्रय में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है ।

किसानों के साथ हुआ भेदभाव

भाजपा के प्रभाव क्षेत्र होने के कारण धान खरीद में झारखंड सरकार ने पलामू, गढ़वा व चतरा जिलों के किसानों के साथ भेदभाव किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को शीघ्र धान का क्रय आरंभ कर किसानों को राहत देने का काम करना चाहिए।

भानु प्रताप शाही, विधायक, भवनाथपुर।

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