संयम व जागरूकता से ग्रामीणों ने दी कोरोना को मात

लीड----------- गांव की कहानी कमलकेड़िया में जब कोरोना ने दस्तक दी तो ग्रामीण हो गए अलर्ट

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 May 2021 06:01 PM (IST) Updated:Sat, 22 May 2021 06:01 PM (IST)
संयम व जागरूकता से ग्रामीणों ने दी कोरोना को मात
संयम व जागरूकता से ग्रामीणों ने दी कोरोना को मात

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गांव की कहानी कमलकेड़िया में जब कोरोना ने दस्तक दी तो ग्रामीण हो गए अलर्ट, दो सप्ताह में ही जीत लिया जंग

राजीव रंजन, नीलांबर-पीतांबरपुर (पलामू): प्रखंड के कुंदरी पंचायत के कमलकेड़िया गांव में दो सप्ताह पूर्व कुछेक घर को छोड़ अधिकांश घरों में कोई न कोई कोरोना से संक्रमित था। लेकिन आज यहां की स्थिति बदल चुकी है। गांव कोरोना को हराकर संक्रमण मुक्त हो चुका है। आखिर गांव वालों ने क्या किया कि गांव संक्रमण मुक्त हो गया। इसी का जायजा लेने जागरण टीम शनिवार की सुबह कमलकेड़िया गांव पहुंची। हनुमान मंदिर के पास पारा शिक्षक राजीव रंजन शुक्ला गांव के ही कई युवाओं के साथ शारीरिक दूरी बनाकर व मास्क लगाकर बातचीत करते हुए मिले। पूछा क्या हो रहा है। उन्होंने बताया कि हम लोग चर्चा कर रहे हैं कि गांव में अब कोरोना को प्रवेश नहीं करने देना है। इसके लिए समय-समय पर गांव के लोगों को जागरूक करते रहना है। साथ ही जिन लोगों ने अब तक टीका नहीं लिया है उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करना है। पता चला कि 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले अधिकांश ग्रामीण टीका ले चुके हैं। लोगों ने बताया कि अधिकांश घरों में कोई न कोई संक्रमित था। हमलोगों ने यहां सावधानी, संयम व जागरूकता के मंत्र को अपनाया। इससे कमलकेड़िया गांव ने कोरोना को हरा दिया है। सिर्फ एक व्यक्ति आसीजन सपोर्ट के लिए हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। शेष संक्रमित घरों में ही आइसोलेट हो कर सरकारी गाइडलाइन का करते रहे। पंचायत के मुखिया जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि गांव में संक्रमण आने के बाद अधिक से अधिक जांच कराने पर फोकस किया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क कर गांव व पंचायत में लगातार जांच शिविर लगवाते रहे। शनिवार को कुंदरी मध्य विद्यालय में जांच शिविर लगा है। लोगों को शारीरिक दूरी के साथ रहने व हमेशा मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. राजीव रंजन ने बताया कि उन्होंने अधिक से अधिक जांच पर बल दिया। इससे संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करा सकें। संक्रमितों को दवा का किट मुहैया कराया गया। साथ ही हल्दी दूध, काढ़ा, अंडा आदि का सेवन करने व योगाभ्यास करने की सलाह दी गई। बाक्स क्या कहते हैं ग्रामीण बाक्स: फोटो: 22 डीजीजे 10

कैप्शन: भीम शुक्ला, कोरोना पाजिटिव हुआ तो काफी डर गया। लगा कि अब जान ही नहीं बचेगी। बावजूद हिम्मत से काम लिया। अस्पताल से मिली दवा का समय से सेवन किया। 5 दिनों के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई। अब वे पूरी सावधानी बरत रहे हैं। भीम शुक्ला, कमलकेड़िया।

बाक्स: फोटो: 22 डीजीजे 11 कैप्शन: लव कुमार सिंह संक्रमित होने के बाद सुबह-शाम काढ़ा का सेवन किया। घर में शारीरिक दूरी बनाकर 2 सप्ताह तक घर वालों से अलग रहा। हमेशा मास्क का प्रयोग किया। मन में कभी भी डर को आने नहीं दिया। नियमित दवा का सेवन किया। इससे कोरोना को हराया दिया। लव सिंह, कमलकेड़िया।

बाक्स: फोटो: 22 डीजीजे 12 कैप्शन: नीरज कुमार शुक्ला संक्रमण के बाद सरकार के जारी गाइडलाइन का पालन किया। घरेलू नुस्खे जैसे काढ़ा, भाप लेना, हल्का गर्म पानी से गागरल करना आदि के साथ-साथ योगाभ्यास किया। अस्पताल से मिली दवा किट का नियमित सेवन किया। दवा व हिम्मत से कोरोना को मात दे दी। नीरज शुक्ला, कमलकेड़िया। बाक्स: फोटो: 22 डीजीजे 13 कैप्शन: राजीव रंजन शुक्ला

कोरोना के संक्रमण को अपने पास नहीं आने दिया। हां उनके पड़ोस व रिश्तेदार संक्रमित हुए। उनके इलाज में सहयोग किया। आज भी लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। गांव में अब एक भी संक्रमित नहीं है। अब गांव में शत प्रतिशत टीकाकरण को प्रभावी बनाने अभियान चलाना है। राजीव शुक्ला, कमलकेड़िया।

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