कोरोना जांच कराने से कतरा रहे हैं ग्रामीण

लीड- गांव की कहानी मौनहा के ग्रामीणों को डर है कि पाजिटिव पाए जाने पर भेज दिया जाएगा अस्पत

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 05:45 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 05:45 PM (IST)
कोरोना जांच कराने से कतरा रहे हैं ग्रामीण
कोरोना जांच कराने से कतरा रहे हैं ग्रामीण

लीड- गांव की कहानी

मौनहा के ग्रामीणों को डर है कि पाजिटिव पाए जाने पर भेज दिया जाएगा अस्पताल में

अश्विनी कुमार,

छतरपुर (पलामू): छतरपुर अनुमंडलीय मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर नौडीहा पंचायत का मौनहा गांव। दोपहर का वक्त। गांव में सन्नाटा। इक्का-दुक्का व्यक्ति ही कहीं पर नजर आ रहा है। मौनाहा गांव के प्राथमिक विद्यालय में कोविड जांच शिविर लगने वाला है। जागरण की टीम छतरपुर से पक्की सड़क के बाद ग्रामीण सड़क होते हुए विद्यालय पहुंची। यहां दिन के 11.30 तक कोविड जांच के लिए कोई टीम नहीं पहुंची थी। गांव के कई बीमारों में दो लोग मुखिया के कहने पर जांच के लिए शिविर वाले केंद्र में जरूर पहुंचे थे। गांव के अधिकतर लोग किसान है। खेती बाड़ी कर के अपना जीवन यापन करते है। उनमे से कई नौजवान दूरस्थ प्रदेशों में प्रवासी मजदूरी का कार्य भी करते है। जागरण की टीम शिविर स्थल पर मौजूद कई लोगो से बात की तो उन्होंने बताया कि वे सभी जांच के नाम से डरे हुए हैं। गांव के बिफाई भुइयां बताते है कि हर साल चैत-बैशाख में सर्दी खांसी होती है। यहां कोई कोरोना वरोना नहीं है। उन्र्हें समझाया गया कि कोरोना का सही समय पर इलाज नहीं हुआ खतरनाक हो सकता है। इसके बचाव के लिए जांच व टीका लगाना जरूरी है। इसके बाद वे जांच कराने के लिए मान गए। शिविर स्थल पर ही गांव की पार्वती देवी कहती है कि बाहर से कमाकर कई लोग गांव पहुंचे हैं। इनके आए हुए एक माह से ज्यादा हो गया है। हालांकि कई दिनों तक मौसमी सर्दी खांसी रहा भी तो काढ़ा और घरेलू उपचार से ही स्वस्थ हो गए। पार्वती ने बताया कि गांव में अब शादी-विवाह में कम लोग शामिल हो रहे हैं। गांव के अधिकांश लोगों ने शहर में जाना बंद कर दिया है। मौनहा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में कई लोग लकड़हारे का काम करते हैं। लकड़हारे के ही काम करने वाली महिला सुकनी देवी ने कहा कि लकड़ी बेचने शहर जाने में डर लगता है। मजबूरी और प्रतिदिन कमाने खाने के चलते गांव से शहर जाना मजबूरी है। गौरतलब हो कि नौडीहा पंचायत में जांच शिविर लगाया गया। इसमें अधिकांश ग्रामीण जांच कराने नहीं पहुंचे। महज 59 लोगों ने जांच कराई। इसमें कोई भी संक्रमित नहीं मिला। बाक्स: क्या कहते हैं ग्रामीण

बाक्स: फोटो: 19 डीजीजे 05 कैप्शन: पंकज कुमार पासवान

ग्रामीण इलाकों में बीमारी बढ़ रही है। इससे लोग डरे हुए हैं। हालांकि उनके गांव में कई लोग संक्रमित हुए थे। उचित समय पर इलाज हो जाने से सभी संक्रमण मुक्त हो गए। जरूरत है जांच कराने। कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाने की। पंकज कुमार पासवान, सुशीगंज,छतरपुर। बाक्स: फोटो: 19 डीजीजे 06 कैप्शन: सुनिता देवी गांव में महिला-पुरुष सभी में कारोना का भय व्याप्त है। दूसरे गांव के लोगों को देख यहां के गांववासी शारीरिक दूरी का पालन करते हैं। मास्क लगा रहे हैं। बेवजह घरों से नहीं निकलने के प्रति लोग सजग हैं। बावजूद जागरूकता की कमी है। लोगों में जागरूकता आई है। सुनीता देवी, बारा ,छतरपुर। बाक्स: फोटो: 19 डीजीजे 07 कैप्शन: शिवनाथ राम

अभी तक हमारे गांव में कोई संक्रमित नहीं पाया गया है। हालांकि लोग जांच के नाम से ही डर रहे हैं। कई लोग काढ़ा और गरारा कर अपनी सर्दी खासी को भगाने में लगे हुए हैं। कोरोना से बचाव का टीका लगाने का काम गांव स्तर पर करने की जरूरत है।

शिवनाथ राम,कव्वल ,छतरपुर। बाक्स: फोटो: 19 डीजीजे एम 2

कैप्शन: शंभू यादव

लोगों में अफवाह फैला दी गई है। जांच के बाद संक्रमित पाए लोगों को पकड़कर अस्पताल ले जाएंगे। अस्पताल में इलाज ठीक से नहीं हो रहा है। जांच व टीकाकरण के लिए ग्रामीणों को समझाया जा रहा है। लोग धीरे-धीरे समझ रहे हैं।

शंभू यादव,

मुखिया नौडीहा पंचायत।

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