मैने कोरोना को हराया..मां की ममता के सामने हारा कोरोना
लललल घर में नहीं था कोई पुरूष सदस्य अकेले जूझती रही प्रीति फोटो 12 डालपी 05 कैप्शन कोर
घर में नहीं था कोई पुरूष सदस्य, अकेले जूझती रही प्रीति फोटो 12 डालपी 05
कैप्शन: कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद स्वजनों के साथ प्रीति संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : मां का अपने बच्चों से सिर्फ जन्म का ही नहीं बल्कि सांसों का रिश्ता होता है। मां भले ही स्वयं कितनी भी बड़ी मुसीबत में हो लेकिन अगर बच्चों कोई आफत आ जाए तो वह ढाल बनकर सामने आ जाती है। इसी को चरितार्थ किया है हमीदगंज की गृहिणी प्रीति देवी ने। वे स्वयं कोरोना संक्रमति होते हुए ना सिर्फ अपनी दोनों बेटियों को संक्रमण से मुक्त कराया, बल्कि अपनी ²ढ़ इच्छा व मातृ शक्ति की बूते ननद स्नेहा व उसकी दोनों बेटियों को भी संक्रमण से मुक्त कराकर कोरोना को परास्त कर एक नजीर पेश की। प्रीति बताती है कि शुरूआती लक्षण के बाद उन्होंने कोरोना की जांच कराई थी। उनके संक्रमित होने की रिपोर्ट आने पर अपनी छह वर्षीय पीहू व तीन वर्षीय पुत्री पंखुड़ी के साथ ननद स्नेहा व उसकी पुत्री टुकटुक व कुकू का भी जांच कराई। रिपोर्ट में सभी संक्रमित पाए गए। ऐसे समय में घर में को पुरुष सदस्य नहीं था। एक समय तो लगा कि वे अपना हौसला खोते जा रही हैं। लेकिन घर के बगल में रहने वाले संजय चाचा ईश्वर की तरह साथ खड़े हो कर हिम्मत को टूटने नहीं दिया। बच्चों की तकलीफ के आगे अपनी परेशानियों को भूल गई प्रीति के अंदर यही से मातृ शक्ति जागृत हुई। उन्होंने अपने स्वजनों मोबाइल व अन्य माध्यमों से संपर्क करना शुरू कर दिया। इसमें मेरठ में रह रही छोटी बहन रोली सहित अन्य स्वजनों के साथ ने उनके हौसले को बढ़ाना शुरू कर दिया। कोरोना गाईड लाइन के तहत उन्होंने दवा लेना शुरू कर दिया। चिकित्सकीय सलाह के साथ बच्चों की भी दवा शुरू की गई। इसके अलावा छोटी बहन रोली के घरेलू नुस्खों ने भी रामवाण की तरह काम आया। बुधवार को पूरी परिवार की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद प्रीति भावुक हो गई। उन्होंने लोगों से कोरोना दिशा निर्देशों का अक्षरस पालन के साथ अनुशासन को अपनाने की सलाह दी है।