स्वजनों से मिला हौसला तो 70 वर्षीय रामरेखा ठाकुर ने दो कोरोना को मात

मैने कोरोना को हराया ललसस 10 वर्ष पहले प्रधानाचार्य के पद से हुए थे सेवानिवृत्त हुए हैं रामरेखा ठाक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:07 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:07 PM (IST)
स्वजनों से मिला हौसला तो 70 वर्षीय रामरेखा ठाकुर  ने दो कोरोना को मात
स्वजनों से मिला हौसला तो 70 वर्षीय रामरेखा ठाकुर ने दो कोरोना को मात

मैने कोरोना को हराया 10 वर्ष पहले प्रधानाचार्य के पद से हुए थे सेवानिवृत्त हुए हैं रामरेखा ठाकर

कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आने पर घबराया नहीं, शुरू की दवा

फोटो 06 डालपी 05

कैप्शन: सेवानिवृत प्रधानाचार्य रामरेखा ठाकुर संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : कोरोना की विभीषिका व बढ़ते मौत के आकड़ों के बीच जिले में अपनी ²ढ़ शक्ति के साथ अपनों द्वारा किए बढ़ाए जा रहे हौसलों के बेहतर परिणाम सामने आने लगा है। कोरोना की जंग जीत चुके लोगों ने इस बड़ी लड़ाई में अपनों का प्यार को औषधि से भी बढ़कर बताया है। स्थानीय हमीदगंज के शिवकुमार लाल रोड निवासी व गढ़वा के गोविद उच्च विद्यालय से प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत 70 वर्षीय रामरेखा ठाकुर इसकी बानगी प्रस्तुत कर रहे है। राम रेखा बताते है कि गत 21 अपै्रल को वे अपने एक स्वजन के अंतिम संस्कार में गए थे। वहां से वापस आने के बाद बुखार के साथ कुछ घबराहट महसूस होने पर एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए उन्होंने अपना कोविड टेस्ट कराया। अगले दिन ही रिपोर्ट में वे संक्रमित पाए गए। दुर्भाग्य की बात थी कि घर में उस समय कोई पुरूष सदस्य मौजूद नहीं था। उनके दामाद सूदना आजाद नगर निवासी मनोज कुमार कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद आइसोलेशन में थे। अचानक आए इस विपदा से वह वे घबरा गए थे। इस बीच दामाद के साथ आन लाइन विमर्श व चिकित्सीय सलाह के बाद उन्होंने दवा लेनी शुरू कर दी। रामरेखा बताते है टूटते हौसलों के बीच स्वजनों का सहारा मिला, धीरे-धीरे वे स्वास्थ्य होने लगे। गुरुवार को जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। बताते है कि हौसला ही सभी तरह की मर्जों की दवा है। इसके अलावा आयुर्वेदिक औषधि व घरेलू उपचार भी जंग जीतने में सहायक सिद्ध हुआ।

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