अब तक नहीं सुलझी नौसैनिक की हत्या की गुत्थी
सूरज के स्वजनों को अब तक नहीं मिली अनुग्रह राशि घोषणा पर अमल नहीं तीन माह बाद भी इस मामल
सूरज के स्वजनों को अब तक नहीं मिली अनुग्रह राशि, घोषणा पर अमल नहीं
तीन माह बाद भी इस मामले में अब तक आगे नहीं बढ़ी पुलिसिया कार्रवाई
फोटो: 04 डीजीजे 10
कैप्शन: सूरज दुबे की फाईल फोटो संवादसूत्र,चैनपुर (पलामू): चैनपुर प्रखंड के पूर्वडीहा कोल्हुआ गांव निवासी दिवंगत नौसैनिक सूरज कुमार दुबे की हत्या के तीन माह बाद भी उनके हत्यारों का अब तक सुराग नहीं मिला है और न ही स्वजनों को अनुग्रह राशि मिली है। स्वजन मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायक से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक का चक्कर काटकर थक गए हैं। बावजूद परिणाम वही ढाक के तीन पात के समान है। देश सेवा में समर्पित सेना के जवान के परिजन इससे काफी आहत हैं। नौसैनिक सूरज के पिता मिथिलेश दुबे ने मंगलवार को जागरण से बात की। बताया कि अभी तक विभागीय या राज्य सरकार की ओर से घोषित किसी भी प्रकार की कोई अनुग्रह राशि नहीं मिली है। मिथिलेश दुबे का कहना है कि उनके पुत्र सूरज की हत्या को आत्महत्या में तब्दील कर महाराष्ट्र पुलिस मामले को रफा-दफा करना चाह रही है। इसे लेकर उन्होंने कई जगह न्याय की गुहार लगाई व सीबीआई जांच की मांग की है। बावजूद कोई फायदा नहीं हुआ। सूरज के भाई नीरज कुमार दुबे ने बताया कि 29 मार्च को व्हाट्सएप पर मुंबई पुलिस ने मैसेज के रूप में सूरज का मृत्यु प्रमाण पत्र भेजा है। इस संबंधित उन्हें अभी तक कोई भी कागजात नहीं दिया गया। इस बीच उनकी दादी का भी निधन हो गया।
तीन माह के भीतर पुत्र शोक व मातृशोक से मिथलेश दुबे अंदर से टूट चुके हैं। परिवार के अन्य सदस्य भी सदमे से उबर नहीं पाए हैं। बताते चलें कि सूरज कुमार दुबे तमिलनाडु के कोयंबटूर में नेवी में लीडिग सी मैन के पद पर कार्यरत थे। छुट्टी बिताकर 30 जनवरी को ड्यूटी पर लौटने के लिए घर से निकले थे। 30 जनवरी की शाम 7 बजे पिताजी से उनकी अंतिम बार बात हुई थी। इसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया था। 5 फरवरी 2021 की शाम 4.30 बजे पालघर पुलिस ने फोन पर सूरज के स्वजनों को सूचना दी कि सूरज जले हुए अवस्था में मिले हैं। आई कार्ड से उनकी पहचान हुई है। गंभीर अवस्था में उन्हें मुंबई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 5 फरवरी को ही रात 11 बजे उनकी मौत की सूचना स्वजनों को मिली थी। बताया गया था कि चेन्नई एयरपोर्ट से निकलने के बाद उनका अपहरण कर लिया गया था। बाद में वहां से करीब 1500 किलोमीटर दूर मुंबई के पालघर ले जाकर उनकी हत्या की गई थी । बाद में मुंबई की पालघर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसे आत्महत्या करार दिया।