पानी के लिए भटक रहे हैं कांके कला के ग्रामीण
गांव में लगाए गए जलमीनार हैं खराब नहीं हो रही है आपूर्ति कोरोना संकट में भी पानी के लिए दौड
गांव में लगाए गए जलमीनार हैं खराब, नहीं हो रही है आपूर्ति
कोरोना संकट में भी पानी के लिए दौड़-भाग कर रहे हैं ग्रामीण
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : कोरोना संक्रमण काल में जहां एक ओर राज्य सरकार लोगों शारीरिक दूरी व अन्य जरूरी सावधानियां बरतने को लेकर दिशा निर्देश जारी किया है। इधर भीषण गर्मी के मौसम में पानी की तलाश में नियमों से बेपरवाह पाटन प्रखंड के कांके कला गांव की एक बड़ी आबादी भटकने को विवश है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पांच जलमीनार लगाए गए थे। इसमें कुछ दिनों तक पानी मिला था, लेकिन गर्मी शुरू होने से पहले खराब हो जाने के बाद इन्हें दुबारा नहीं चालू किया जा सका। इस संबंध ग्रामीणों ने बीडीओ, मुखिया, पंचायत सेवक से लेकर अन्य सरकारी कर्मियों को जानकारी दी गई थी। लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हो सका।
ग्रामीणों ने बताया कि एक जगह पहले ही लगे चापाकल में में ही जलमीनार स्थापित कर दिया गया। जबकि इसके लिए अलग से प्राक्कलन में अगल से बोरिग करने का प्रावधान था। इसी तरह कांके कला स्कूल व हरिजन टोला का जल मीनार से भी पानी नहीं मिल रहा है। कुल मिलाकर करीब चार हजार आबादी वाले कांके कला में पांच जलमीनार स्थापित किए गए थे, लेकिन उनसे ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हुआ है। अब पानी के लिए गांव से बाहर जाना पड़ता है। बता दे कि कांके कला गांव जिला मुख्यालय से सिर्फ 12 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। यहां आने जाने के लिए बेहतर आवागमन की भी सुविधा है। ग्रामीणों ने बताया कि जब मुख्य सड़क के नजदीक बसे गांव में इतनी परेशानी है तो सुदूरवर्ती गांवों की स्थिति का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। स्थानीय ग्रामीणों ने पलामू के उपायुक्त से योजना की जांच करने की मांग की है।इनमें विजय पांडेय, नैन सिंह, दुखन सिंह, सोनू कुमार, गोलू पांडेय, हरिजन टोला महुराम के सुखाड़ी भुइयां, महादेव भुइयां, सूरज भुइयां, परीक्षण भुइयां, सरिता देवी व रंजीत सिंह का नाम शामिल है।