जल संरक्षण को अपनाने होंगे पुरखों के नुस्खे

सहेज लोग बूंद बाटम बदहाली का दंश झेल रहा है सेमरी गांव का शिव पोखरा बचाने की है जरूरत

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 07:26 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:26 PM (IST)
जल संरक्षण को अपनाने होंगे पुरखों के नुस्खे
जल संरक्षण को अपनाने होंगे पुरखों के नुस्खे

सहेज लोग बूंद

बाटम

बदहाली का दंश झेल रहा है सेमरी गांव का शिव पोखरा, बचाने की है जरूरत कैप्सन : ब्रहमोरिया का सूखा पड़ा तालाब। संवादसूत्र, विश्रामपुर (पलामू) : विश्रामपुर के सेमरी गांव स्थित शिव पोखरा आज बदहाली का दंश झेल रहा है। यह पोखरा पूरी तरह सूख गया है। स्थानीय लोग इसके सूख जाने से काफी परेशान हैं। गांव का जल स्तर भी दिनोंदिन गिरता जा रहा है। लोगों का कहना है कि गांव का पानी, गांव में ही रहने का प्रबंध किया जाना चाहिए। इस पोखरा को प्रभावी बनाने की जरूरत है। इससे जल प्रबंधन और नियंत्रण के संबंध में एक बार फिर से पहले की तरह स्थानीय लोगों की जिम्मेदारी के साथ भागीदारी निभानी होगी। ग्रामीणों का कहना है कि पहले जल संचय को ले पूर्वजों ने गांव में आहर व तालाब बनाते थे। हर मंदिर के साथ एक जलाशय भी बनवाया जाता था। यह पूर्वजों का परंपरागत रेनवाटर हार्वेस्टिग का तरीका था। यह सैकड़ों सालों से उनके लिए उपयोगी बना रहा। वर्तमान परिस्थितियों को ले सभी को जल बचाने संबंधी बुद्धिमान बनकर समाधान निकालना होगा। बाक्स: सेमरी के इस शिव पोखरा में बरसात का पानी जमा होता था। इससे खेती का कार्य होता था। गांव के जल स्तर भी बने रहते थे। बढ़ती जनसंख्या व लोगों की गंदी सोच आहर तालाब को नष्ट करते जा रहे हैं। परिणाम जल स्तर काफी नीचे जा रहा। इसे रोकने के लिए सबको मिलकर भागीदारी निभानी होगी।

सुरेश ओझा, सेमरी। बाक्स : पूर्वजों की बताए रास्ते पर ही चल कर हम बेहतर व समृद्ध समाज की निर्माण कर सकते हैं। गांव गिरते जल स्तर काफी चिता का विषय बन गया है। समय रहते सेमरी के शिव पोखरा को बेहतर बनाने के लिए सार्थक कदम उठाना होगा। बरसात का पानी बहकर नदी नाले में जाने से रोकना होगा। पंकज पांडेय, ब्रहमोरिया।

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