40 से अधिक मौतों के बाद भी प्रशासन लापरवाह

लोगो जानलेवा पानी फ्लोराइड युक्त पानी पीकर ग्रामीण हो रहे हैं दिव्यांग तीन करोड़ खर्च के ब

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Mar 2021 04:27 PM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 04:27 PM (IST)
40 से अधिक मौतों के बाद भी प्रशासन लापरवाह
40 से अधिक मौतों के बाद भी प्रशासन लापरवाह

लोगो जानलेवा पानी

फ्लोराइड युक्त पानी पीकर ग्रामीण हो रहे हैं दिव्यांग, तीन करोड़ खर्च के बाद भी नहीं मिल रहा शुद्ध पानी

तौहीद रब्बानी, मेदिनीनगर (पलामू) : पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर से महज 8-9 किमी दूर स्थित सदर प्रखंड के कई गांवों के लोग फ्लोराइड की मार झेल रहे हैं। शुद्ध पानी मुहैय्या कराने को लेकर तीन करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने के बावजूद चुकरू ,नेवाटीकर व बखारी गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। योजना ग्रामीणों के लिए अनुपयोगी साबित हो रही है। करीब एक साल से जलापूर्ति ठप है। इस कारण चुकरू,बखारी,नेवाटीकर समेत आसपास के सैकड़ों ग्रामीण फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं। अधिक फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से पिछले 15 वर्षो में 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 35 से लेकर 52 वर्ष उम्र के लोग शामिल हैं। इधर चुकरू ग्रामीण जलापूर्ति योजना के साथ-साथ चुकरू गांव में फ्लोराइड से निपटने के लिए पेयजल व स्वच्छता विभाग ने एंटी फ्लोराइड फिल्टर मशीन लगाई थी, लेकिन यह भी खराब है। दो चरणों में तीन करोड़ रुपए हो से ज्यादा हो चुके हैं खर्च पेयजल स्वच्छता विभाग चुकरू व आसपास के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तीन करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। बावजूद गांव के लोग अभी भी फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश है। यहां के सभी जलस्रोतों से फ्लोराइडयुक्त पानी निकलता है। प्रथम चरण में एक करोड़ 71 लाख खर्च कर पाइप लाइन बिछाई गई थी। बावजूद पेयजल आपूर्ति नहीं हुई। विभाग ने पुन: एक करोड़ 44 लाख रुपये खर्च कर पीने के पानी की व्यवस्था की। बावजूद लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है।

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चार पंचायतें है फ्लोराइड की चपेट में सदर प्रखंड के कौड़िया, सुआ, चियांकी व सरजा पंचायत के गांव के पानी में अधिक फ्लोराइड है। इन गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई बार योजना बनी। सरकार को प्रस्ताव भेजा गया बावजूद योजना पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर सकी। दर्जनों लोगों की हो चुकी है मौत, कई बीमारियों से ग्रसित फ्लोराइड युक्त पानी पीने से कई लोगों को अब तक मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग बीमार हैं। अधिक लोग दिव्यांगता के शिकार हैं। नेवाटीकर निवासी 45 वर्षीय दशरथ उरांव, 50 वर्षीय जय गोपाल, 40 वर्षीय नरेश उरांव, 50 वर्षीय बेचन भुइयां, इनकी 48 वर्षीया पत्नी राजो कुंवर, 48 वर्षीय ठेगू उरांव, 55 वर्षीय सोमर उरांव, 52 वर्षीय भक्कू उरांव, 50 वर्षीय अठनिया देवी, 48 वर्षीय ठेगू उरांव, इनकी 45 वर्षीय पत्नी फूलमति देवी, 35 वर्षीय देव कुमार भुइयां,52 वर्षीय जगन्नाथ पाल,इनकी 48 वर्षीया पत्नी फूलकुंवर, 48 वर्षीय मंगर उरांव, इनकी 45 वर्षीय पत्नी गुजरी देवी ,42 वर्षीया पैरवा देवी ,45 वर्षीय दशरथ उरांव आदि की मौत हो चुकी है। गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने के कारण 70 प्रतिशत घरों के लोग दिव्यांगता के शिकार हैं। गांव के ही सत्यनारायण, सुदामा पाल,बाबूलाल, गणेश राम, हीरामती देवी आदि दिव्यांगता के कारण चलने के लायक नहीं हैं। 30 वर्षीय सुदामा पाल व स्व. दशरथ राम की 40 वर्षीया पत्नी अनिता कुंवर दिव्यांगता के कारण रात-दिन खाट पर पड़े हैं। हीरामती देवी ठीक से खड़ी भी नहीं हो पाती है। दशरथ उरांव की पत्नी अनीता कुंवर चलने के लायक भी नहीं रही। बखारी गांव निवासी हरिदास राम का 15 वर्षीय पुत्र नवम कक्षा का छात्र विकास कुमार, स्व मंगरू राम की 50 वर्षीया पत्नी मूर्ति देवी, बड़ा पुत्र बबलू राम व छोटा पुत्र छोटू राम दिव्यांगता से पीड़ित हैं। सबका एक ही दर्द है कि गांव का पानी फ्लोराइडयुक्त है। बाक्स: क्या कहते है ग्रामीण,

फोटो: 18 डीजीजे एम 2

चुकरू पंचायत के नेवाटीकर निवासी सावित्री देवी, सुनिता देवी ने कहा कि करोड़ों की लागत से चुकरू पेयजलापूर्ति योजना चालू की गई। बावजूद साल भर से शुद्ध पेयजल नसीब नहीं है। योजना बनने के एक-दो वर्ष तक पानी मिला। इसके बाद से हाल बदहाल है। विवशता के कारण चापाकल व कुआं का फ्लोराइडयुक्त पानी पीना पड़ रहा है।

क्या कहते है विशेषज्ञ

पेयजल में फ्लोराइड की अत्याधिक मात्रा मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। दांत खराब करता है। हड्डी को कमजोर कर देता है। साथ ही इससे बोन कैंसर होने की संभावना बनी रहती है। पलामू के कई जगहों पर पानी में अत्याधिक फ्लोराइड पाया जाता है। भूमिगत एक लीटर पानी में फ्लोराइड का मात्रा 0.2 से 0.5 तक होनी चाहिए। मापदंड से ज्यादा फ्लोराइड रहने की स्थिति में फ्लोराइड मानव शरीर के लिए घातक बनने लगता है।

डा.रोहित पांडेय, चिकित्सा पदाधिकारी, मेदिनीनगर। बाक्स: 18 डीजीजे एम 01

कैप्शन: अर्•ान सिंह

मेदिनीनगर: सदर प्रखंड के चार पंचायत कौड़िया,सुआ,चियांकी पूर्वी व सरजा के अधिकतर गांव फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र हैं। इनमें चुकरू व बखारी गांव सबसे ज्यादा प्रभावित है। बावजूद पेयजलापूर्ति एक साल से बंद है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग लापरवाह बना हुआ है। इस कारण लोगों को फ्लोराइड युक्त पानी पीना पड़ रहा है। इस मामले को अपने कार्यकाल में जिला परिषद में उठाकर चुकरू पेयजलापूर्ति योजना को संचालित कराया था। अर्जुन सिंह,पूर्व जिप सदस्य, मेदिनीनगर दक्षिणी,पलामू। बाक्स:. चुकरू पेयजलापूर्ति योजना से पेयजल आपूर्ति सामान्य है। कुछ दिन पूर्व मोटर में खराबी आने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित हुई थी । ग्रामीणों ने एक वर्ष से पेयजल आपूर्ति बंद रहने का आरोप गलत लगाया है। पेयजल बंद रहने की जानकारी लेंगे।

आशुतोष कुमार, कार्यपालक अभियंता ,

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग,

पलामू।

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