दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं कंडम वाहन

संवाद सहयोगी मेदिनीनगर (पलामू) जिले में सड़क हादसों को रोकने के लिए भले ही सड़क सुरक्ष्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 06:54 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 06:54 PM (IST)
दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं कंडम वाहन
दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं कंडम वाहन

संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : जिले में सड़क हादसों को रोकने के लिए भले ही सड़क सुरक्षा कोषांग अपनी ओर से सक्रियता दिखाता है, लेकिन परिवहन विभाग की आंतरिक खामियों का लाभ उठाकर अभी भी जिले में सैकड़ों कंडम माल वाहक वाहन सड़क पर दौड़ती है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन कंडम वाहनों का उपयोग सरकारी एजेंसियां ही सबसे ज्यादा करती हैं। भारतीय खाद्य निगम व अन्य सरकारी एजेंसियां बड़े पैमाने पर इन्हीं कंडम वाहनों का उपयोग करती हैं। जानकारी के अनुसार सड़क हादसों को रोकने व पर्यावरण नुकसान को कम करने को लेकर 12 वर्ष पुराने ट्रक व बस जैसे हैवी वाहन व 15 वर्ष पुराने हल्के वाहन को चलन से बाहर करने नियम है। वाबजूद इसके यह सरकारी निर्देश जिले में प्रभावी नहीं हो सका है। पुराने वाहनों का निबंधन अभी तक रद नहीं किया गया है। यही नहीं विभागीय सूत्रों की माने तो इनमें से कई वाहनों का तो फिटनेस प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। वहीं जिले के कई बड़े स्कूलों में नियमानुसार कंडम घोषित वाहनों से बच्चों के जिदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हांलाकि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण को लेकर स्कूले बंद हैं। इसी तरह ट्रैक्टर के नौसीखिया चालक के कारण जिला कई हादसों का गवाह बन चुका है। जिला परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर जाचं अभियान चलाया तो जाता है। लेकिन कुछ दिनों में स्थिति वही बन जाती है। इसे लेकर विभाग ऐसे लोगों से जुर्माना वसूल कर आम लोगों को भगवान भरोसे छोड़ देता है। वहीं सड़क सुरक्षा कोषांग के अधिकारी रितेश कुमार के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों पर निरंतर अभियान चलाकर नियमों का उल्लघंन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

chat bot
आपका साथी