स्वतंत्रता सेनानी स्व. केश्वर विश्वकर्मा की मनी 100वीं जयंती

नावाबाजार स्वतंत्रता सेनानी स्व. केश्वर विश्वकर्मा कंडा निवासी के 100 वां वर्षगांठ के अवसर पर जन्मदिन बडी धुम धाम से मनाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 07:09 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 07:09 PM (IST)
स्वतंत्रता सेनानी स्व. केश्वर विश्वकर्मा की मनी 100वीं जयंती
स्वतंत्रता सेनानी स्व. केश्वर विश्वकर्मा की मनी 100वीं जयंती

संवाद सूत्र, नावाबाजार : पलामू जिला के नावाबाजार प्रखंड के कंडा गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी स्व. केश्वर विश्वकर्मा का शनिवार को 100 वां वर्षगांठ मनाया गया। इस अवसर पर धूम धाम से उनकी जयंती पर कार्यक्रम हुआ। मौके पर समाजसेवी युगेश्वर साहू ने कहा कि स्वतंत्रता सेनान स्व केश्वर विश्वकर्मा के आदर्शो पर चलने की जरूरत। वे व्यक्ति नहीं विचार थे। वे अपने से ज्यादा दूसरे व समाज के विकास के प्रति सोच रखते थे । जन्मदिन के अवसर पर सैकड़ों गणमान्य लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माला पहनाकर स्व: केश्ववर विश्वकर्मा अमर रहे की नारे लगाए । उप मुखिया गिरजा शंकर राम ने कहा कि शुभ मुहूर्त में कंडा बस स्टैंड एनएच 98 के बगल में स्वतंत्रता सेनानी मुख्य द्वार निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। जल्द ही गेट निर्माण पूरा कर लियाया जाएगा। इसमें नावाबाजार प्रखंड क्षेत्र कंडा निवासी केश्वर विश्वकर्मा समेत इस क्षेत्र के सभी 10 स्वात्रंता सेनानियों के नाम दर्ज होंगे। मौके पर सत्यनारायण विश्वकर्मा, गंगा सिंह, रमेश विश्वकर्मा, बलराम सिंह, उपेंद्र पासवान, जयप्रकाश मेहता, शंकर दयाल शर्मा, नंदलाल मिश्रा, दीपक विश्वकर्मा, संतोष प्रसाद गुप्ता, संतोष सिंह, जयगोविद साव, काशी नरेश विश्वकर्मा, अवतार साहू, जनार्दन साव समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। बाक्स: कौन थे स्व केश्वर विश्वकर्मा नावाबाजार,पलामू : केश्वर विश्वकर्मा का जन्म सात दिसंबर 1919 ई को कंडा में हुआ था।

वे शिक्षा के साथ देश की गुलामी को देखते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारो से प्रेरित हुए। अपने सर्मथकों के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेना सुनिश्चित किया। वे देश की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। अंग्रेजों ने केश्वर विश्वकर्मा समेत एक साथ कंडा निवासी 10 लोगों को गिरफ्तारकर जेल मे डाल दिया था। बावजूद देश आजाद होते ही केश्वर विश्वकर्मा को प्रथम मुखिया बनने का गौरव प्राप्त हुआ विश्वकर्मा ने इस क्षेत्र में कई ऐसे र्सवजनिक कार्य किए जो आज भी उन्हें अमर बनाए हुए है।

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