पलामू में एक चिकित्सक के भरोसे 30 हजार की आबादी

मुर्तजा मेदिनीनगर (पलामू) आकांक्षी जिला में शामिल पलामू के ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज भगवान भरो

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 06:13 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:13 PM (IST)
पलामू में एक चिकित्सक के भरोसे 30 हजार की आबादी
पलामू में एक चिकित्सक के भरोसे 30 हजार की आबादी

मुर्तजा, मेदिनीनगर (पलामू) : आकांक्षी जिला में शामिल पलामू के ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज भगवान भरोसे है। पलामू जिला की आबादी 20 लाख से ज्यादा है। बावजूद सृजित 166 पदों के विरूद्ध महज स्वास्थ्य सेवा के लिए 65 चिकित्सक ही पदस्थापित है। शेष 101 चिकित्सकों के पद अब भी रिक्त पड़े हैं। इस हिसाब से यहां की करीब 30 हजार 800 लोग इलाज के लिए एक-एक चिकित्सक पर निर्भर हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में आम मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य सुविधा नहीं के बराबर है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश जिला स्तरीय पदाधिकारियों के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। जिला से कई बार सरकार को पत्र भेजा जा चुका है। बावजूद रिक्त पदों को भरने की दिशा में सरकार अपेक्षित पहल तक नहीं कर रही है। फैक्ट फाइल

- पलामू में एक जिला अस्पताल है। (यह फिलहाल पलामू मेडिकल कालेज अस्पताल में संचालित हो रहा है।) - छतरपुर और हुसैनाबाद में अनुमंडलीय अस्पताल का संचालन होता है।

- सदर, लेस्लीगंज, पांकी, मनातू, पाटन, हरिहरगंज, विश्रामपुर व चैनपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित है। - जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 171 स्वास्थ्य उपकेंद्रों का संचालन हो रहा है। -जिले भर के तमाम अस्पतालों के लिए कुल 166 चिकित्सकों का सृजित है। 65 चिकितसक सेवारत हैं और 101 पद रिक्त पड़ा है।

चिकित्सा विभाग में पदाधिकारियों का टोटा

: पलामू जिला स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों का पद प्रभार में चल रहा है। बतौर सिविल सर्जन डा. जॉन एफ केनेडी सेवा दे रहे हैं। एसीएमओ, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, जिला मलेरिया पदाधिकारी व जिला लेपरोसी पदाधिकारी का पद भी रिक्त पड़ा है। यह विभाग प्रभार में चल रहा है। सिविल सर्जन कार्यालय में चिकित्सा पदाधिकारी व यक्ष्मा कार्यालय में चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति या प्रतिनयुक्ति अब तक नहीं की जा सकी है। सरकारी आदेश के बाद भी पीएमसीएच में डटे हैं 16 चिकित्सक :

: जिला अस्पताल को पीएमसीएच का दर्जा मिलने के बाद सरकार का आदेश था कि सदर अस्पताल के चिकित्सकों को ग्रामीण अस्पताल में भेज दिया जाए। इससे ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी। बावजूद 16 चिकित्सक अब भी पीएमसीएच में ही सेवारत हैं। हालांकि 13 अन्य चिकित्सकों की ग्रामीण अस्पतालों में प्रतिनियुक्ति की गई थी।

हुसैनाबाद में 16 चिकित्सकों की दरकार, महज चार चिकित्सक दे रहे हैं सेवा

: हुसैनाबाद में संचालित अनुमंडलीय अस्पताल में एक उपाधीक्षक के अलावा 16 चिकित्सकों का पद सृजित है। बावजूद डीएस का पद रिक्त है और 16 की जगह महज चार चिकित्सकों के भरोसे अनुमंडलीय क्षेत्र के मरीजों का उपचार हो रहा है। चिकित्सकों का 12 पद रिक्त पड़ा है। छतरपुर में 12 चिकित्सकों का रिक्त पड़ा है पद

: छतरपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल का संचालन महज चार चिकित्सकों के भरोसे हो रहा है। डीएस समेत 12 चिकित्सकों का पद अब भी रिक्त पड़ा है। ऐसी स्थिति में छतरपुर अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा का अंदाजा लगाया जा सकता है। चिकित्सकों की कमी का खामियाजा भुगत रहा अधिकांश सीएचसी

: पलामू में आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन होता है। बावजूद अधिकांश सीएचसी चिकित्सकों की कमी का मार झेल रहा है। सीएचसी हरिहरगंज में सात की जगह दो, विश्रामपुर में सात की जगह चार, मनातू में सात की जगह दो, सदर में चार में दो, चैनपुर में सात में पांच व लेस्लीगंज में सात तीन चिकित्सक पदस्थापित हैं। अन्य सीएचसी की भी यही स्थिति है। कुपोषित बच्चों के लिए चल रहा पांच कुपोषण उपचार केंद्र :

कुपोषित बच्चों के लिए पलामू के अलग-अलग प्रखंडों में पांच कुपोषण उपचार केद्रों का संचालन हो रहा है। इसमें जिला मुख्यालय के अलावा पांकी, विश्रामपुर, चैनपुर और हसुैनाबाद केंद्र शामिल है। यहां कुपोषित बच्चों को भर्ती कराते हुए उसकी मां की स्क्रीनिग की जाती है। बेहतर खान-पान के अलावा देखभाल के प्रति जागरूक किया जाता है। बच्चा के भर्ती रहने तक प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। कोरोना ने डाला खलल, पूर्ण टीकाकरण का 81 प्रतिशत ही हासिल हुआ लक्ष्य :

पलामू पूर्ण टीकाकरण का निर्धारित लक्ष्य अब तक हासिल नहीं कर सका है। प्राप्त 81 प्रतिशत को शत प्रतिशत में बदलने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। बताया जाता है कि टीकाकरण में कोरोना संक्रमण का खलल पड़ गया था। नतीजा करीब दो माह तक टीकाकरण बाधित रहा।अब कोरोना के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है।

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