आपसी एकता की परंपरा रहेगी कामय

मेदिनीनगर : पलामू में आपसी एकता व भाईचारगी की परंपरा सदियों से कायम है और रहेगी। छोट

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Sep 2017 06:20 PM (IST) Updated:Sun, 24 Sep 2017 06:20 PM (IST)
आपसी एकता की परंपरा रहेगी कामय
आपसी एकता की परंपरा रहेगी कामय

मेदिनीनगर : पलामू में आपसी एकता व भाईचारगी की परंपरा सदियों से कायम है और रहेगी। छोटी-छोटी घटनाओं से ऊपर उठकर यहां की जनता आपसी एकता की मिसाल कायम करती रही है। यहां दशहरा-मुहर्रम, रामनवमी, ईद, दीपावली, होली समेत कई पर्व त्योहार साथ-साथ मनाए जाते हैं। इस बार भी पूरे देश में दशहरा-मुहर्रम साथ-साथ मनाया जा रहा है। दशहरा पर्व व शहादत की मिसाल मुहर्रम एक साथ मनाकर पलामूवासी आपसी सौहार्द व भाईचारगी का विश्व को संदेश देंगे।

बाक्स: 24 डालपी 13

कैप्सन:विष्णु कुमार

इस बार दशहरा व मुहर्रम तीसरी बार एक साथ मनेगा। यह अवसर भारतीय गंगा-जमुनी संस्कृति का प्रतीक है। हम सभी पर्व-त्योहर में आपसी भाईचारगी की मिसाल को प्रदर्शित करते हैं। यह सिलसिला जारी रहेगा। इस बार भी पूरी तरह हम साथ-साथ दशहरा पर्व व शहादत का प्रतीक मुहर्रम मनाएंगे। इससे आपसी एकता की पहचान और मजबूत होगी।बनी रहेगी।विष्णु कुमार,नेउरा,चैनपुर,पलामू।

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फोटो: 24 डालपी 14

कैप्सन : सत्यनारायण प्रजापति

आपसी भाईचारगी,सौहार्द व एकता भारतीय समाज की पहचान है। इस परंपरा को सदैव कायम रखना है। इस बार भी मुहर्रम-दशहरा साथ मनाया जा रहा है। ऐसे में आपसी भाईचारगी को हर स्तर कायम रखकर अपने फर्ज का निभाना है। जरूरत है असमाजिक व अपराधिक तत्व की बातों में नहीं आने की की।

सत्यनाराण प्रजापति,नेउरा चैनपुर,पलामू।

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बाक्स: 24 डालपी 15

कैप्सन : शफीक आलम

मुहर्रम-दशहरा साथ-साथ मनाया जाना आपसी एकता की डोर को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है। पलामू की धरती पर आपसी सौहार्द व एकता की सदियों से मिसाल हर स्तर पर कायम रखना जरूरी है। पूरे देश को पलामू से यह संदेश जाता है कि यहां की एकता बेमिसाल है।

शफीक आलम,नेउरा, पलामू।

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बाक्स: 24 डालपी 16

कैप्सन: नियाजत मियां

पलामू जिला की सरजमीं आपसी एकता व सौहार्द की परंपरा की सच्ची मिसाल है। दशहरा-मुहर्रम साथ-साथ

है। ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि आपसी एकता को कायम कर मिलजुलकर दशहरा व मुहर्रम मनाएं। इससे भारतीय एकता की संस्कृति दृढ़ होगी। मुहर्रम पूरे अकीदत से मनाने की जरूरत है। दोनों अवसर पर एक-दूसरे के साथ मिलकर हम अपनत्तव को आगे बढ़ाएं।

नियाज मियां,नेउरा, पलामू।

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