भारतीय रेलवे के निजीकरण से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी
- रेलवे के निजीकरण खिलाफ आंदोलन की घोषणा - ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस का दो दिवसीय
- रेलवे के निजीकरण खिलाफ आंदोलन की घोषणा
- ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस का दो दिवसीय साधारण आमसभा शुरू संवाद सहयोगी, पाकुड़ : भारतीय रेलवे के निजीकरण से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी। ईआरएमसी और एनएफआइआर मिलकर केंद्र सरकार की गलत नीति व रेलवे के निजीकरण खिलाफ आंदोलन करेगी। केंद्रीय संस्थाओं का निजीकरण से रोका जाएगा। केंद्र सरकार को राष्ट्रीय संपत्ति बेचने से रोकने के लिए संगठन हर कदम उठाएगी। यह बातें एनएफआइआर के महामंत्री एम रघुवैया ने कही। ईसीआरएमसी के दो दिवसीय आमसभा को संबोधित करते हुए रघुवैया ने रेलवे कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग की।
इसके पूर्व ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस (ईआरएमसी) के 28वें दो दिवसीय केन्द्रीय साधारण आमसभा का बुधवार को शहर के कलपाड़ा स्थित एक होटल में शुरूआत हुई। इसमें मेंस यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विनोद शर्मा, एनएफआइआर के महामंत्री डा. एम रघुवैया ने मुख्य रूप से शामिल हुए हैं। मेंस कांग्रेस के केंद्रीय अध्यक्ष विनोद शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार सोची समझी चाल के तहत रेलवे का निजीकरण करना चाहती है। रेलवे का निजीकरण कर ठेका लेने वालों को अधिक लाभ दिलाना चाहती हैं। रेलवे को निजीकरण से बचाने के लिए आंदोलन किया जाएगा। ताकि देश के धरोहर को बचाया जा सके। अन्य वक्ताओं ने डीए एरियर तथा बोनस के भुगतान के संबंध में अपना विचार रखा। साथ ही एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस को अविलंब बहाल करने के संबंध में कई महत्वपूर्ण बिदुओं पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यक्रम में ईआरएमसी के शंकर प्रसाद गांगुली, राजनाथ वर्मा, पुलक राय, रंजीत चौधरी सहित दर्जनों रेल कर्मी व मेंस कांग्रेस के सदस्यों ने भाग लिया।