दहेज प्रताड़ना के आरोपित को सुनाई गई तीन साल की सजा

संवाद सहयोगी पाकुड़ प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निर्मल कुमार भारती की अदालत ने मंगलवा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:30 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:30 PM (IST)
दहेज प्रताड़ना के आरोपित को सुनाई गई तीन साल की सजा
दहेज प्रताड़ना के आरोपित को सुनाई गई तीन साल की सजा

संवाद सहयोगी, पाकुड़ : प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निर्मल कुमार भारती की अदालत ने मंगलवार को परिवाद संख्या 282/18 में दहेज प्रताड़ना के आरोपित मनोज साहा को तीन साल सजा सुनाई। अदालत ने सजा के अलावा दहेज प्रताड़ना में पांच हजार तथा दहेज प्रतिषेद अधिनियम में पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता दीनानाथ गोस्वामी ने बताया कि हिरणपुर प्रखंड के धोवाडांगा गांव निवासी मनोज साहा के साथ सीता देवी प्रेम विवाह मंदिर में हुआ था। शादी के कुछ महीने बाद मनोज साहा के परिवार वाले लड़की को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। दहेज प्रताड़ना करते हुए लड़की के पिता डिजन साहा से बाइक खरीदने के लिए 70 हजार रुपया मांगा गया। लड़की के पिता ने यह मांग पूरी की।

कुछ दिनों के बाद फिर लड़की से एक लाख रुपया की मांग करने लगे। राशि नहीं देने पर सीता देवी के पति मनोज साहा और परिवार वाले उससे मारपीट करने लगे। इस मामले को लेकर लड़की के पिता डिजन साहा हिरणपुर थाना पहुंचे। थाना में बोला गया कि यह मामला कोर्ट का है। इसके बाद न्यायालय में परिवाद वाद पत्र के तहत केस दायर किया गया। परिवाद वाद पत्र संख्या 282/18 के बाद कोर्ट ने परिवाद वाद पत्र के तहत प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया और लड़की को फैमेली वेलफेयर कमेटी के हवाले कर दिया गया। फैमेली वेलफेयर कमेटी की ओर से लड़का को नोटिस किया गया। नोटिस के बाद लड़का उपस्थित हुआ और लड़की को ले जाने की बात कही गई। उसके बाद सीता देवी को उसके पति लेकर चले गए। एक सप्ताह के बाद मारपीट कर फिर भगा दिया गया। इसके बाद हिरणपुर थाना से दोनों पक्ष को बुलाकर फिर से लड़की को सुसराल भेज दिया। लड़की ले जाने के कुछ दिनों के बाद उसे मारकर फांसी में लटका दिया गया ताकि साक्ष्य को छुपाया जा सके। लड़की की हत्या के बाद हिरणपुर थाना में मामला दर्ज किया गया। यह मामला न्यायालय में लंबित है। वही परिवाद पक्ष से अधिवक्ता दीनानाथ गोस्वामी तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता बबलू ने बहस किया।

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