पर्याप्त संख्या है आक्सीजन सिलेंडर, बंगाल में होती रिफिलिग
जागरण संवाददाता पाकुड़ कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन के लिए काफी मारामारी हुई थ
जागरण संवाददाता, पाकुड़ : कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन के लिए काफी मारामारी हुई थी। देश के कई हिस्सों में आक्सीजन की कमी देखने को मिला था। आक्सीजन आपूर्ति के लिए सरकारें काफी सजग थी। कोरोना के संभावित तीसरी लहर को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क है। आक्सीजन की उपलब्धता पर रोज मंथन हो रहा है। राहत की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संख्या में आक्सीजन सिलेंडर है। विभाग ने दावा किया है कि तीसरी लहर में आक्सीजन की कमी नहीं होगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार फिलहाल 150 पीस बी टाइप (छोटा सिलेंडर) व 100 पीस डी टाइप (बड़ा सिलेंडर) मौजूद है। सभी सिलेंडर राज्य सरकार ने उपलब्ध कराया है। स्थानीय स्तर पर सिर्फ सिलेंडर की रिफिलिग कराई जाती है। विभाग के अनुसार दूसरी लहर में आक्सीजन सिलेंडर की खपत कम हुई थी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आक्सीजन की उपलब्धता पर निजी अस्पताल संचालकों को भी अलर्ट किया गया है।
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अस्पतालों में लगा है आक्सीजन कंसंट्रेटर
तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रही है। दूसरी लहर के समय सदर अस्पताल में आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाया गया था। काफी संख्या में आक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद है। सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 200 आक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जा चुके हैं। इसका खासियत यह है कि आसपास की हवा से आक्सीजन को एकसाथ इकट्ठा करता है। आक्सीजन कंसंट्रेटर हवा से नाइट्रोजन को अलग करता है।
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पाइपलाइन से आक्सीजन सप्लाई की घोषणा
दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी को देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने सदर अस्पताल को दर्जनों गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया था। सांसद विजय हांसदा की ओर से भी पहल हुई थी। मंत्री आलमगीर ने दूसरी लहर के समय यह घोषणा की थी कि सदर अस्पताल में पाइपलाइन से आक्सीजन का सप्लाई की जाएगी। इस पर काम चल रहा है।
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बंगाल में होती है रिफिलिग
राज्य सरकार अस्पताल प्रबंधन को आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराती है। सिलेंडर रिफिलिग स्थानीय स्तर पर कराया जाता है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सिलेंडर की रिफिलिग बंगाल के मालदा आदि स्थानों से होती है। वहीं दूसरी ओर दूसरी लहर के समय शहर के कुछ लोग जिन्हें कोरोना हुआ था वह घर पर ही रहकर आक्सीजन का इस्तेमाल किया था। वह आक्सीजन ब्लैक में अधिक कीमत पर लिया गया था। उस समय कालाबाजारी का एक आडियो इंटरनेटर मीडिया पर वाइरल भी हुआ था। हालांकि इस मामले में प्रशासन गंभीर है।
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स्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल आक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं है। तीसरी लहर से निपटने की तैयारी चल रही है। निजी अस्पताल संचालकों को आक्सीजन से संबंधित आवश्यक निर्देश दिया गया है।
डा. रामदेव पासवान, सिविल सर्जन, पाकुड़