धोवाडागा वासियों ने कोरोना को धो डाला

गणेश पांडेय पाकुड़ सतर्कता सावधानी और ग्रामीणों की सोच-समझ के कारण कोरोना वायरस क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 12:43 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 12:43 AM (IST)
धोवाडागा वासियों ने कोरोना को धो डाला
धोवाडागा वासियों ने कोरोना को धो डाला

गणेश पांडेय, पाकुड़ : सतर्कता, सावधानी और ग्रामीणों की सोच-समझ के कारण कोरोना वायरस का संक्रमण धोवाडागा गाव में प्रवेश नहीं कर सका है। गाव में बाहरी लोगों का प्रवेश वíजत है। संक्रमण के कारण गाव के लोग एक-दूसरे से दूरी बना रहे हैं। लोग रिश्तेदार के यहां जाने से भी परहेज कर रहे हैं। धोवाडागा गाव जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर है। गाव की आबादी करीब तीन हजार है। सरकार ने गावों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए रोडमैप तैयार किया है, लेकिन इस गाव के लोगों ने अपने दम पर कोरोना से यहां फटकने नहीं दिया। को धो डाला है। वर्ष 2020 के कोरोना लहर में गाव के एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं मिला था। इस बार भी सतर्कता के कारण कोरोना के मामले नहीं आए हैं।

गांव के अधिकतर लोग किसान और मजदूर हैं। मजदूरी करते समय भी शारीरिक दूरी का ध्यान रख रहे हैं। सतर्कता इतनी बरत रहे हैं कि ग्रामीणों आसपास के गांवों में आवाजाही फिलहाल बंद कर रखी है। धोवाडांगा पंचायत के उप मुखिया विकास कुमार साहा युवाओं की टोली लेकर प्रतिदिन गांव के लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

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घर-घर जाकर कर रहे हैं जागरूक

ग्रामीण काफी सतर्क हैं। ग्रामीणों को कोरोना से बचाने के लिए उप मुखिया विकास स्वयं मॉनिटरिग कर रहे हैं। वह युवाओं की टोली को लेकर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उप मुखिया कोरोना से बचने का उपाय बता रहे हैं। यहां घर से बाहर निकलने की बिल्कुल इजाजत नहीं है। उप मुखिया प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रख रहे हैं। घर में कैद रहने के कारण लोग अभी तक सुरक्षित हैं।

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वर्ष 2020 में जांच के बाद मिला था गांव में एंट्री

वर्ष 2020 में गांव के आठ से 10 मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में हिमाचल प्रदेश गए थे। लॉकडाउन के बाद सभी बस से लौटे। इसकी सूचना मिलते ही उपमुखिया सक्रिय हो गए। बस को गांव के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। मजदूरों को भी गांव में घुसने से मना कर दिया गया। मजदूरों को जांच के लिए हिरणपुर भेजा गया। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही गांव में प्रवेश की अनुमति मिली। उस समय भी काफी सतर्कता बरती गई थी।

--------------------- गांव में सतर्कता के कारण कोरोना का असर नहीं दिख रहा है। बुजुर्ग के अलावा गांव के तमाम उम्र के लोग काफी जागरूक हैं।

शंकर साहा, ग्रामीण, धोवाडांगा

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उप मुखिया की पहल काफी असरदार रही। वे युवाओं के साथ घर-घर जाकर कोरोना से बचने का तरीका बता रहे हैं। उसपर अमल भी हो रहा है।

भीम साहा, ग्रामीण, धोवाडांगा

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गांव में बाहर से आने वाले लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। ग्रामीण काफी सतर्कता बरते रहे हैं। इसलिए कोरोना का असर नहीं है।

राजेश साहा, ग्रामीण, धोवाडांगा

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पुरुष के साथ-साथ महिलाएं भी जागरूक हुई है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी सावधानी बरती जा रही है। कोरोना का अभी तक असर नहीं है।

अंजु पांडेय, ग्रामीण महिला, धोवाडांगा

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युवाओं के साथ घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी को घर से बाहर निकलने पर मनाही है। प्रत्येक ग्रामीण पर नजर रखी जा रही है। महिलाओं को भी सतर्क किया गया है। जागरूकता के कारण गांव में कोरोना का प्रवेश नहीं हुआ है।

विकास कुमार साहा, उप मुखिया, धोवाडांगा पंचायत

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गांव के लोगों की रोज प्रतिरोधी क्षमता अच्छी होती है। लोग काफी मेहनती भी होते हैं। खान-पान पर भी ग्रामीणों का विशेष ध्यान रहता है। धोवाडांगा के लोगों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।

डॉ. रामदेव पासवान, सिविल सर्जन, पाकुड़

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