बांग्ला द्वितीय राजभाषा पर स्कूलों में शिक्षक नहीं

संवाद सूत्र महेशपुर (पाकुड़) बांग्ला राज्य की द्वितीय राजभाषा है। इसका फायदा बंगाली समाज क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:03 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:03 PM (IST)
बांग्ला द्वितीय राजभाषा पर स्कूलों में शिक्षक नहीं
बांग्ला द्वितीय राजभाषा पर स्कूलों में शिक्षक नहीं

संवाद सूत्र, महेशपुर (पाकुड़) : बांग्ला राज्य की द्वितीय राजभाषा है। इसका फायदा बंगाली समाज को नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं झारखंड के स्कूलों में बांग्ला विषय के शिक्षक की कमी है। यह बातें रविवार को साईं धर्मशाला में आयोजित झारखंड बंगाली एसोसिएशन की बैठक में जिलाध्यक्ष मुकुल भट्टाचार्य ने कही। इस दौरान महेशपुर शाखा के गठन पर विचार-विमर्श किया गया।

एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने कहा कि महेशपुर में भी झारखंड बंगाली एसोसिएशन का गठन होगा। इससे संगठन मजबूत होगी। बंगाली समाज के लोग संगठन से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्ला द्वितीय राजभाषा है। इसके बाद भी स्कूलों में बांग्ला की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्कूलों में बांग्ला पुस्तक तक नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड निर्माण के समय यह सुविधा थी। सचिव मानिक चंद्र देव ने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में एसोसिएशन का गठन होगा। चौक-चौराहों पर महापुरुषों की प्रतिमा का अनावरण होना जरूरी है। सांस्कृतिक कार्यक्रम कर हम अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं। रवींद्र संगीत, गीत, नाट्य आदि कला हमारी संस्कृति की पहचान है। बैठक में सर्वसम्मति से महेशपुर शाखा का गठन भी किया गया। इसमें चंदन दत्ता को अध्यक्ष पद के लिए चुना गया। अधीर कुमार सिंह एवं सागर सिंह उपाध्यक्ष, पुलक घोष सचिव, साधीन साहा एवं राहुल भट्टाचार्य सह सचिव, मृत्युंजय दास कोषाध्यक्ष, प्रभात कुमार मंडल सह कोषाध्यक्ष के साथ कार्यकारिणी के सदस्यों का चयन किया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक सप्ताह एवं माह में एसोसिएशन की एक बैठक अवश्य हो। आजीवन सदस्य बनाने हेतु अभियान चलाया जाए। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। इस मौके पर पाकुड़ शाखा के चंद्रशेखर सिंह, देव मुखर्जी तथा महेशपुर के शिशिर कुमार भट्टाचार्य, बासुदेव बनर्जी, जयशंकर सिंह, राम साहा, दीपंकर दत्ता, मानस कुमार सिंह, बुलू सिंह सहित निर्वाचित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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